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इंसेफेलाइटिस से बच्चों को बचाने के लिए सीएम योगी ने कसी कमर, दिए PICU तैयार करने के निर्देश

लखनऊ। इंसेफेलाइटिस से बच्चों को बचाने के लिए सीएम योगी ने कमर कस ली है। सीएम योगी ने कहा कि इंसेफेलाइटिस के विरुद्ध प्रभावी संघर्ष के लिए बस्ती व गोरखपुर मंडलों के प्रत्येक जनपद में 15 बेड के PICU (पीडियाट्रिक्स इंटेंसिव केयर यूनिट)विकसित किए गए थे, इन्हें पूरी तरह से कार्यशील रखा जाए। जनपद बस्ती और गोरखपुर की 2-2 CHC पर पीकू स्थापित किए गए थे, उन्हें भी कार्यशील रखा जाए। मेडिकल कॉलेजों में पीकू वॉर्ड, गोरखपुर के BRD मेडिकल कॉलेज में स्थापित पीकू वॉर्ड के मॉडल पर विकसित किया जाए।

उन्होंने कहा कि सभी राजकीय मेडिकल कॉलेजों में 100 बेड का पीडियाट्रिक ICU (पीकू) स्थापित किया जाए। इनमें 50 बेड ICU तथा 50 बेड ऑक्सीजन से युक्त हों। जुलाई माह से इंसेफेलाइटिस के मामले भी सामने आने लगते हैं। इसके दृष्टिगत गोरखपुर जनपद सहित विभिन्न जनपदों में स्थापित इंसेफेलाइटिस ट्रीटमेंट सेंटर्स को कार्यशील किया जाए। सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तथा हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर ग्रामीण क्षेत्र में मेडिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर का आधार है। इन केन्द्रों पर आवश्यक मानव संसाधन, पेयजल, शौचालय, विद्युत आपूर्ति व्यवस्था को सुचारु बनाया जाए।

सीएम ने कहा कि राज्य में ऑक्सीजन संयंत्रों की स्थापना की कार्यवाही को त्वरित गति से आगे बढ़ाया जाए। कल 20, मई 2021 से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अन्तर्गत पात्र व्यक्तियों के लिए खाद्यान्न वितरण कार्य प्रारम्भ हो रहा है। कोविड प्रोटोकॉल का पूर्ण पालन करते हुए सुचारु ढंग से खाद्यान्न वितरित किया जाए। SDRF के माध्यम से स्थापित होने वाले ऑक्सीजन संयंत्रों हेतु केन्द्रीकृत ढंग से टेंडर की प्रक्रिया की जाए।

उन्होंने कहा कि कोविड-19 के कारण जिन बच्चों के माता-पिता का देहान्त हो गया है, ऐसे अनाथ एवं निराश्रित बच्चों के भरण-पोषण और समुचित देखभाल के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा विस्तृत कार्य योजना तैयार की जाए। शिक्षा से सम्बन्धित सभी विभागों द्वारा अपने अन्तर्गत संचालित शिक्षण संस्थानों में इस व्यवस्था का अनुपालन कराया जाए। किसी भी शिक्षण संस्थान द्वारा यदि विद्यार्थियों से शुल्क लिया गया है, तो शिक्षकों के वेतन से कटौती न की जाए। आपदा के समय में किसी के वेतन से कटौती उचित नहीं है। वेतन का भुगतान समय पर किया जाए।

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH