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गन्ना किसानों की समस्याओं का टोल-फ्री नम्बर 1800-121-3203 पर होगा त्वरित निस्तारण

लखनऊ। प्रदेश के गन्ना एवं चीनी आयुक्त, संजय आर. भूसरेड्डी ने बताया कि गन्ना किसानों की समस्याओं के त्वरित एवं प्रभावी निस्तारण हेतु गन्ना विकास विभाग के मुख्यालय पर कन्ट्रोल रूम (टोल-फ्री) स्थापित है। टोल-फ्री काॅल सेन्टर के कार्मिकों द्वारा किये जा रहे कार्यो मे प्रगति लाने एवं शिकायतों का गुणवत्तापरक निराकरण कराने के दृष्टिगत अब टोल-फ्री नम्बर 1800-121-3203 पर अनुभवी एवं दक्ष कार्मिकों द्वारा दो पालियों मे गन्ना किसानों को सेवा प्रदान की जायेगी।

टोल-फ्री काॅल सेन्टर की कार्य प्रणाली के सम्बन्ध मे विस्तृत जानकारी देते हुए श्री भूसरेड्डी ने बताया कि टोल-फ्री कन्ट्रोल रूम के कार्मिकों की कार्यप्रणाली को और सुदृढ़ किये जाने के दृष्टिगत, कार्मिकों द्वारा अब प्रातः 7ः45 रात्रि 10ः45 तक गन्ना किसानों की समस्याओं का समाधान किया जायेगा। टोल-फ्री काॅलसेन्टर की यह व्यवस्था सर्वे सीजन के दौरान माह जून से सितम्बर तक लागू की गयी है, इस अवधि में टोल-फ्री नम्बर पर 16 घण्टे किसान काॅल कर सकते हैं, वहीं पेराई सीजन के दौरान माह अक्टूबर से मई तक कन्ट्रोल रूम द्वारा 24ग्7 गन्ना किसानों की समस्याओं का निराकरण किया जाएगा। कन्ट्रोल रूम मे टोल फ्री नम्बर पर काॅल करने वाले गन्ना किसानों को कोई असुविधा न हो, इस हेतु कन्ट्रोल रूम कार्मिकों के अवकाश की अवधि मे कार्य करने के लिए दक्ष एंव अनुभवी कार्मिकों की बैकअप टीम का भी गठन किया गया है।

उन्होनें बताया कि कृषक गन्ने की खेती से जुड़ी विभिन्न समस्याओं हेतु विभागीय टोल-फ्री नंबर 1800-121-3203 पर एवं सर्वे, सट्टा, कैलेंडर, पर्ची आदि से सम्बन्धित समस्यों हेतु टोल-फ्री नंबर 1800-103-5823 पर अपनी शिकायत दर्ज कराकर उसका समाधान पा सकेंगे। उन्होनें यह भी बताया कि कन्ट्रोल रूम में तैनात कार्मिकों के कार्यो की गुणवत्ता के अनुश्रवण एवं औचक निरीक्षण हेतु विभागीय नोडल अधिकारियों द्वारा प्रतिदिन कन्ट्रोल रूम का निरीक्षण कर कार्मिकों को आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान किये जायेगें। उक्त के अतिरिक्त गन्ने की खेती से जुड़ी नवीनतम जानकारियों तथा कीट रोग आदि के रोकथाम उपायों हेतु गन्ना किसान भारत सरकार के किसान कॉल सेंटर टोल-फ्री नंबर 1800-180-1551 पर भी कॉल कर कृषि वैज्ञानिकों से अपनी समस्या का निदान पा सकते हैं। इन तकनीकी व्यवस्थों से किसानों को दफ्तरों के चक्कर लगाने की भी जरूरत नहीं होगी और उनके आने जाने में लगने वाले समय एवं पैसे की बचत होगी साथ ही कोविड महामारी के प्रसार को रोकने में भी उक्त व्यवस्था सहायक सिद्ध होगी।

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH