लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार गरीबों और जरूरतमंदों को राहत पहुंचाने के लिये प्रदेश में तेजी से मुफ्त राशन वितरण करा रही है। उसने जुलाई माह में अब तक अंत्योदय और प्रायोरिटी हाउसहोल्ड (पीएचएच) के 33591030 लोगों को 184956.311 मेट्रिक टन अनाज का वितरण कर दिया है। सरकार की योजना के तहत 14 करोड़ 83 लाख से अधिक लोगों को राशन का विरतण किया जाना है।
05 से 15 जुलाई तक चलने वाले राशन वितरण कार्यक्रम में सरकारी राशन दुकानों से हर कार्ड धारक को 03 किलो गेहूं और 02 किलो चावल वितरित किया जा रहा है। जुलाई माह में शुरु हुए राशन वितरण कार्यक्रम के तहत सरकार ने प्रदेश भर में अंत्योदय के 3163397 और प्रायोरिटी हाउसहोल्ड (पीएचएच) के 30427633 राशन कार्ड के लाभार्थियों को मुफ्त राशन का लाभ दिया है।
सरकार की योजना प्रत्येक व्यक्ति तक मुफ्त राशन वितरण का लाभ दिलाना है। शहरी इलाकों में 8471941 लाभार्थियों को 44302.790 मेट्रिक टन और ग्रामीण इलाकों में 25119089 लाभार्थियों को 140653.521 मेट्रिक टन अनाज का वितरण कर दिया है। योगी सरकार के निर्देश पर मुफ्त राशन वितरण की प्रक्रिया को पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लिए ई-पास मशीनों का प्रयोग किया जा रहा है। गौरतलब है कि कोरोना की पहली लहर के दौरान भी योगी सरकार ने पात्र कार्ड धारकों को 08 महीने तक मुफ्त राशन वितरण किया था। 05 किलो खाद्यान्न प्रति यूनिट की दर से राज्य सरकार ने सरकारी दुकानों से पिछले साल अप्रैल से नवंबर तक 60 लाख मेट्रिक टन खाद्यान्न का मुफ्त वितरण किया था, जो कि देश में एक रिकार्ड है।
राशन कार्ड वितरण की निगरानी के लिये मंत्री, विधायकों, अफसरों को जिम्मेदारी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के विभिन्न जिलों में मुफ्त राशन वितरण की निगरानी की जिम्मेदारी मंत्री, विधायकों और अफसरों को सौंपी है। वितरण के दौरान कोरोना प्रोटोकॉल का पूरा ध्यान रखे जाने के भी निर्देश दिये गये हैं। राशन वितरण की निगरानी के लिए सरकारी दुकानों पर नोडल अधिकारियों के तैनात रहने के भी आदेश जारी किये हैं। प्रदेश की लगभग 80 हजार सरकारी राशन दुकानों तक खाद्यान्न पहुंचाने के साथ वहां कोविड प्रोटोकाल के पालन पर भी पूरा जोर दिया जा रहा है। एक दुकान पर एक समय में अधिकतम 5 उपभोक्ता की मौजूदगी के निर्देशों का पालन कराया जा रहा है। खाद्यान्न वितरण में सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखने के साथ वहां अधिक भीड़ न जुटे इसका भी ध्यान रखा जा रहा है।