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सीएम योगी का निर्देश- गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण के लिए आवश्यक व्यवस्था की जाए

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज लोक भवन, लखनऊ में कोविड-19 के संबंध में गठित समितियों के अध्यक्षों के साथ बैठक की। बैठक में मुख्यमंत्री योगी ने कोरोना संक्रमण की नियंत्रित स्थिति के बाद भी एग्रेसिव ट्रेसिंग एवं टेस्टिंग जारी रखने के निर्देश दिए। सीएम योगी ने कहा कि केवल जनपद सीतापुर और लखनऊ में ही दहाई अंक में कोविड संक्रमित मरीजों की पुष्टि हुई है। प्रदेश में अब तक 6.08 करोड़ से अधिक टेस्ट संपन्न हो चुके हैं। कोरोना संक्रमण की नियंत्रित स्थिति के बाद भी एग्रेसिव ट्रेसिंग और टेस्टिंग जारी रखी जाए। प्रदेश में एग्रेसिव ट्रेसिंग, टेस्टिंग और त्वरित ट्रीटमेंट के मंत्र से अच्छे परिणाम मिल रहे हैं। विगत दिवस 42 जिलों में संक्रमण का एक भी नया केस नहीं पाया गया, जबकि 31 जनपदों में इकाई अंक में मरीज मिले हैं।

मुख्यमंत्री योगी को अवगत कराया गया कि विगत 24 घंटे में 2,28,866 कोविड सैंपल की जांच की गई है, जिसमें 96 नए मरीजों की पुष्टि हुई, जबकि 112 मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए। वर्तमान में प्रदेश में 1,576 एक्टिव केस हैं। जनपद सुलतानपुर और सीतापुर में नए केस की संख्या अन्य जिलों के सापेक्ष अधिक है। दोनों जिलों में आज ही विशेष टीमें भेज कर गहन पड़ताल कराई जाए। संक्रमित पाए गए लोगों की कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग और टेस्टिंग कराई जाए। इनके उपचार की समुचित व्यवस्था हो।

उन्होंने कहा कि गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण सुविधाजनक ढंग से हो, इस संबंध में आवश्यक व्यवस्था की जाए। जिलों में संचालित ‘महिला स्पेशल वैक्सीनेशन बूथ’ के बारे में लोगों की जागरूक किया जाए। गर्भवती महिलाओं अथवा उनके परिजनों से संपर्क कर उनका टीकाकरण कराया जाए। CHC/PHC की रंगाई-पुताई, उपकरणों और दवाइयों की उपलब्धता, मैनपावर आदि की समुचित व्यवस्था कराई जाए। विगत दिवस लोकार्पित मोबाइल एप ‘उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य केंद्र’ को और अधिक जनोपयोगी बनाया जाए।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान लोगों की स्वास्थ्य और चिकित्सा संबंधी जरूरतों की पूर्ति कतई प्रभावित न हो। बच्चों के नियमित टीकाकरण, गोल्डन कार्ड बनने की प्रक्रिया आदि हेतु वैकल्पिक व्यवस्था की जानी चाहिए। विशेष परिस्थितियों में जिन्हें एंबुलेंस या दवा की जरूरत है उन्हें सब कुछ मुहैया कराया जाए। कैंसर की समस्या से ग्रस्त अथवा डायलिसिस के मरीजों के इलाज में कतई देरी न हो। आशा वर्कर्स के माध्यम से इनकी सूची तैयार कर, इनसे संवाद स्थापित किया जाए। वरिष्ठ नागरिकों की स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर करने की आवश्यकता है। इस संबंध में विशेष हेल्पलाइन नंबर 14567 जारी किया गया है। हेल्पलाइन के बारे में जागरूकता प्रसार करते हुए इसे और अधिक उपयोगी बनाने के प्रयास किए जाएं।

उन्होंने कहा कि प्रदेशवासियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के प्रयासों के क्रम में CHC/PHC स्तर पर ‘हेल्थ एटीएम’ की स्थापना कराई जाए। कई औद्योगिक समूहों ने ‘हेल्थ एटीएम’ उपलब्ध कराने की इच्छा जताई है। ऐसे लोगों से संपर्क कर सहयोग प्राप्त किया जाए।

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH