लखनऊ। जेल में बंद आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। उनपर अब एक अन्य मामले में लोक सेवक पर हमला करने और ड्यूटी में बाधा डालने का मामला दर्ज किया गया है। बता दें कि अमिताभ ठाकुर पर दुष्कर्म पीड़िता को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप है। शुक्रवार को अमिताभ ठाकुर के विरामखंड स्थित आवास से उनको गिरफ्तार करने पुलिस गई थी। जहां गिरफ्तारी के दौरान काफी हंगामा देखने को मिला था। पुलिस द्वारा अमिताभ ठाकुर को गिरफ्तार करते समय पुलिसकर्मी को थप्पड़ मारने का वीडियो भी सामने आया था।
सब इंस्पेक्टर धनंजय सिंह ने अपनी प्राथमिकी में कहा है कि 27 अगस्त को जब वह सब-इंस्पेकटर अतुल श्रीवास्तव, हुसैन अब्बास, विवेक चौधरी, वंदना पांडे, कीर्ति यादव और आरक्षक अनिल यादव और पदम यादव के साथ ठाकुर के घर उसे गिरफ्तार करने पहुंचे तो उन्होंने उनके साथ दुर्व्यवहार किया। प्राथमिकी में कहा गया है, अमिताभ ठाकुर ने खुद को एक पूर्व वरिष्ठ अधिकारी होने का दावा किया और हमारे करियर को बर्बाद करने की धमकी दी और गिरफ्तार होने से इनकार कर दिया।
सब-इंस्पेक्टर ने आगे कहा कि बाद में, मैंने एसएचओ गोमती नगर को सूचित किया, जो दो कांस्टेबल के साथ आए और फिर से सेवानिवृत्त अधिकारी को गिरफ्तार करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने फिर से हमें गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी। दोनों, सेवानिवृत्त अधिकारी और उनकी पत्नी नूतन ठाकुर ने हम पर हमला किया।
शिकायतकर्ता ने यह भी कहा कि ठाकुर और उनकी पत्नी दोनों ने पुलिस टीम के कर्तव्य के निर्वहन के दौरान बाधा डाली, जिसके दौरान उन्हें अन्य पुलिसकर्मियों के साथ-साथ चोट भी लगी। प्राथमिकी में यह भी उल्लेख है कि एसएचओ गोमती नगर के.के. तिवारी, आरक्षक धनंजय सिंह की सीटी और नेम प्लेट टूट गई और घटना के दौरान वर्दी पर लगी पट्टी भी फट गई। ठाकुर और उनकी पत्नी पर अब लोक सेवक को सार्वजनिक कार्यों के निर्वहन में बाधा डालने, लोक सेवक को उसके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल इत्यादि मामलों के आरोप में मामला दर्ज किया गया है।