लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को कोरोना संक्रमण पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए स्वास्थ्य व्यवस्था को सुदृढ़ करने हेतु गठित टीम 11 समिति के अध्यक्षों के साथ समीक्षा बैठक की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि कोविड चिकित्सालयों में चिकित्साकर्मियों, औषधियों, मेडिकल उपकरणों व बैकअप सहित ऑक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता बनाए रखी जाए। लेवल-2 और लेवल-3 हॉस्पिटल के बेड्स बढ़ाए जाएं। किसी भी प्रकार की जरूरत पर तत्काल शासन को अवगत कराएं।
उन्होंने कहा कि सभी सरकारी एवं निजी चिकित्सा संस्थानों की एम्बुलेंस का कोविड मरीजों के आवागमन के लिए उपयोग किया जाए तथा एम्बुलेंस हर समय उपलब्ध रहें। कोविड और नॉन-कोविड मरीजों के लिए अलग-अलग एम्बुलेंस की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए तथा रिस्पॉन्स टाइम न्यूनतम रहे। प्रदेश के जिन जिलों में प्रतिदिन 100 से अधिक केस मिल रहे हैं या जहां कुल एक्टिव केस की संख्या 500 से अधिक है, वहां रात्रि 09 बजे से प्रातः 06 बजे तक कोरोना कर्फ्यू लगाया जाए। कन्टेनमेंट जोन की व्यवस्था को सख्ती से लागू किया जाए।
उन्होंने कहा कि सभी जनपदों में PPE किट, पल्स ऑक्सीमीटर, इंफ्रारेड थर्मामीटर, सैनिटाइजर, एंटीजन किट सहित सभी आवश्यक लॉजिस्टिक्स की पर्याप्त व्यवस्था की जाए। किसी भी जनपद से लॉजिस्टिक्स के अभाव की शिकायत नहीं आनी चाहिए। कमी होने पर तत्काल शासन को अवगत कराएं। सभी विभागों के कार्मिकों को आवश्यकतानुसार कोविड प्रबंधन के कार्य से जोड़ें।
अतिरिक्त मानव संसाधन के लिए भी स्वीकृति दी गई है। NSS, NCC तथा सिविल डिफेंस की सेवाएं भी ली जाएं। आने वाले दिन हमारे लिए चुनौतीपूर्ण होंगे। हमें इनका सफलतापूर्वक सामना करना है। इस बार भी हम टीम वर्क से इस लड़ाई को जरूर जीतेंगे। लखनऊ में तीन निजी अस्पतालों- एरा लखनऊ मेडिकल कॉलेज, टीएस मिश्रा मेडिकल कॉलेज और इंटीग्रल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस एंड रिसर्च सहित बलरामपुर हॉस्पिटल को डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल के रूप में कोरोना मरीजों के इलाज के लिए समर्पित किया जाए।