देहरादून। उत्तरकाशी के सिलक्यारा में सुरंग में फंसे 40 श्रमिकों को 5 दिन बाद भी बाहर नहीं निकाला जा सका है। पूरे देश से लोग इन मजदूरों की सकुशल वापसी के लिए दुआएं कर रहे हैं। इन्हें पाइप के जरिए ऑक्सीजन और खाना-पानी दिया जा रहा है। हालांकि अब एक उम्मीद की किरण जगी है। शुक्रवार को सुरंग में अमेरिका से आई नई और शक्तिशाली ऑगर मशीन को लगाया गया जिसने 25 मीटर मलबे को भेद दिया है। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि जल्द ही मजदूरों को बाहर निकाल लिया जाएगा।
सिलक्यारा में बने उत्तरकाशी जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार, सुरंग में जमा मलबे में सुबह छह बजे तक 25 मीटर की दूरी तक ‘ड्रिलिंग’ हो चुकी है। सुरंग में 45 से 60 मीटर तक मलबा जमा है जिसमें ड्रिलिंग की जानी है.योजना यह है कि ड्रिलिंग के जरिए मलबे में रास्ता बनाते हुए उसमें 800 मिमी और 900 मिमी व्यास के कई बड़े पाइप को एक के बाद एक इस तरह डाला जाएगा कि मलबे के एक ओर से दूसरी ओर तक एक वैकल्पिक सुरंग बन जाए और श्रमिक उसके माध्यम से बाहर आ जाएं।
टनल के मलबे को लेकर अभी भी संशय बरकरार है क्योंकि अभी तक किसी को पता नहीं है कि टनल में आया मलबा कितनी दूर तक फैला है। फिलहाल केवल अनुमान लगाया जा रहा है कि 60 मीटर की टनल धंसी है इसलिए मलबा भी इतने ही इलाके में फैला होगा। ड्रिलिंग एक्सपर्ट और विशेषज्ञ इसकी तैयारी करके चल रहे हैं कि मशीनें मलबे में कहां तक पहुंची हैं। इसके लिए वे एनालिसिस भी कर रहे हैं।
सिलक्यारा पहुंचे प्रदेश के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा कि सुरंग में फंसे सभी मजदूर सुरक्षित हैं और उनसे लगातार बातचीत हो रही है। सुरंग में फंसे झारखंड निवासी 22 साल के महादेव ने अपने मामा से बातचीत की। महादेव ने कहा कि वह और उसके सभी साथी सुरक्षित हैं। सुरंग में फंसे महादेव का अपने मामा से बातचीत का ऑडियो भी सामने आया है।