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राज्यसभा में गूंजा ‘वंदे मातरम्’, अमित शाह बोले – यह देशभक्ति और राष्ट्र चेतना का अमर प्रतीक

राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूरे होने पर सोमवार को लोकसभा में चर्चा के बाद मंगलवार को राज्यसभा में भी इस विषय पर विस्तृत विमर्श हुआ। चर्चा की शुरुआत करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसे देशभक्ति, त्याग और राष्ट्र चेतना का कालातीत प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि जो लोग आज इसकी प्रासंगिकता पर सवाल उठा रहे हैं, उन्हें अपनी सोच पर पुनर्विचार करना चाहिए।

“आने वाली पीढ़ियों को समझना होगा वंदे मातरम् का महत्व”

अमित शाह ने उच्च सदन में कहा कि इस चर्चा का उद्देश्य देश के बच्चों, युवाओं और आने वाली पीढ़ियों को यह समझाना है कि भारत की आज़ादी की लड़ाई में *वंदे मातरम्* का कितना बड़ा योगदान रहा। उन्होंने बताया कि लोकसभा में कुछ सदस्यों ने प्रश्न उठाया था कि आज इस विषय पर चर्चा की आवश्यकता क्यों है, लेकिन राष्ट्रगीत का महत्व समय के साथ कभी कम नहीं हुआ।

“समर्पण की जरूरत तब थी, आज है और 2047 में भी रहेगी”

गृह मंत्री ने कहा, “वंदे मातरम् के प्रति समर्पण की जरूरत स्वतंत्रता आंदोलन के समय भी थी, आज भी है और जब 2047 में महान भारत का निर्माण होगा, तब भी रहेगी।” उन्होंने इसे भारत माता के प्रति भक्ति, कर्तव्य और समर्पण का भाव जगाने वाली अमर कृति बताया।

राजनीतिक जोड़ने की कोशिश पर निशाना

शाह ने उन लोगों पर भी निशाना साधा जिन्होंने इस चर्चा को आगामी पश्चिम बंगाल चुनाव से जोड़कर देखने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि कुछ लोग इस बहाने राष्ट्रीय गीत के महत्व को कम करने का प्रयास कर रहे हैं, जबकि *वंदे मातरम्* का संदेश चुनावी राजनीति से कहीं ऊपर है।

“वंदे मातरम् पूरे विश्व में स्वतंत्रता का स्वर बना”

अमित शाह ने कहा कि बंकिमचंद्र चटर्जी द्वारा बंगाल में रचित इस गीत ने न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर में आज़ादी की लड़ाई लड़ रहे लोगों को प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि आज भी जब कोई सैनिक या पुलिसकर्मी देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देता है, तो उसके मुख से यही उद्घोष निकलता है वंदे मातरम्”।

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि का उल्लेख

शाह ने याद दिलाया कि यह गीत उस समय लिखा गया था जब विदेशी आक्रांताओं और ब्रिटिश शासन द्वारा भारतीय संस्कृति को कमजोर करने की कोशिशें की जा रही थीं। ऐसे समय में *वंदे मातरम्* भारतीय अस्मिता, प्रतिरोध और राष्ट्रभावना का सशक्त प्रतीक बनकर उभरा। यदि आप चाहें तो मैं इसे और संक्षिप्त, टीवी न्यूज़ स्टाइल, या सोशल मीडिया कैप्शन के रूप में भी तैयार कर सकता हूँ।

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH