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दिग्गज नेता शरद यादव का निधन, बेटी ट्वीट कर बोली- पापा नहीं रहे

नई दिल्ली। जनता दल (यूनाइटेड) के पूर्व अध्यक्ष व पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव का गुरुवार रात 10.19 पर गुरुग्राम के फोर्टिस अस्पताल में निधन हो गया। उनकी बेटी सुभाषिनी शरद यादव ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। उन्होंने लिखा- पापा नहीं रहे। शरद यादव 75 साल के थे। वे 7 बार लोकसभा सदस्य चुने गए। उन्होंने केंद्रीय मंत्री के तौर पर भी काम किया। उनके पास जयप्रकाश नारायण, चौधरी चरण सिंह और अटल बिहारी वाजपेयी के साथ काम करने का अनुभव था। वे डा. राम मनोहर लोहिया से काफी प्रभावित थे।

सांस लेने में तकलीफ होने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनका पार्थिव शरीर दिल्ली के छतरपुर स्थित उनके निवास स्थान पर रखा गया है, जहां लोग उनके अंतिम दर्शन कर सकेंगे। उनके परिवार में पत्नी, एक बेटी और एक बेटा है। बिहार के मुख्यमंत्री और जद (यू) नेता नीतीश कुमार द्वारा 2013 में भाजपा से नाता तोड़ने का फैसला करने के पहले वह भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के संयोजक थे। बाद में उन्होंने अपनी पार्टी भी बनाई। उन्होंने 2022 में अपनी पार्टी का राष्ट्रीय जनता दल में विलय कर लिया था।

शरद यादव यादव 1989 में वीपी सिंह नीत सरकार में मंत्री थे। उन्होंने 90 के दशक के अंत में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार में भी मंत्री के रूप में कार्यभार संभाला। 1990 में बिहार के मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को भी उनका समर्थन प्राप्त था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यादव के निधन पर शोक जताया। पीएम ने एक ट्वीट में कहा कि शरद यादव के निधन से दु:खी हूं। सार्वजनिक जीवन में अपने लंबे वर्षों में उन्होंने खुद को सांसद और मंत्री के रूप में प्रतिष्ठित किया। वे डॉ. लोहिया के आदर्शों से बहुत प्रेरित थे। मैं हमेशा उनसे अपनी बातचीत को संजोकर रखूंगा। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदनाएं।

फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट ने बयान जारी कर बताया कि शरद यादव को अचेत अवस्था में आपातकालीन वार्ड में लाया गया था। जांच के दौरान उनकी नाड़ी नहीं चल रही थी। उपचार के सभी प्रयास नाकाम रहे। रात 10.19 बजे उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। शरद यादव के दामाद राज कमल राव ने बताया कि उन्हें कार्डियक अरेस्ट हुआ था, हम उन्हें अस्पताल ले गए। वहां पहुंचने के बाद डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। उन्हें किडनी की समस्या थी और डायलिसिस पर थे। उनके पार्थिव शरीर को मप्र में उनके पैतृक गांव ले जाया जाएगा, जहां अंतिम संस्कार किया जाएगा।

शरद यादव का जन्म एक जुलाई 1947 को मप्र के होशंगाबाद के बंदाई गांव के एक किसान परिवार में हुआ था। वह एक प्रमुख समाजवादी नेता थे। वे 70 के दशक में कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोल कर चर्चा में आए थे। वह लोकदल और जनता पार्टी से टूटकर बनी पार्टियों में रहे। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि मैंने शरद यादव से राजनीति के बारे में बहुत कुछ सीखा है, वह आज हमारे बीच नहीं रहे तो काफी दु:ख हो रहा है। उन्होंने कभी अपना सम्मान नहीं खोया, जबकि राजनीति में सम्मान खोना बहुत आसान होता है।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार ने शरद यादव के निधन को भारतीय राजनीति के लिए अपूरणीय क्षति बताया। उन्होंने ट्वीट किया कि उनके निधन पर उनके परिवार और अनुयायियों को संवेदनाएं। भगवान उनकी आत्मा को शांति दें। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी शरद यादव के निधन पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव के निधन से दुखी हूं। शरद यादव के साथ मेरा बहुत गहरा रिश्ता था। उनके निधन की खबर से स्तब्ध और दु:खी हूं। वे एक प्रखर समाजवादी नेता थे। उनका निधन सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्र के लिए अपूरणीय है। उनकी आत्मा को शांति मिले।

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the authorBRIJESH SINGH