अहमदाबाद। गुजरात विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ा सवाल यही है कि 27 साल से भाजपा की ही सरकार, इस बार क्या खत्म होगा कांग्रेस का इंतजार? हालांकि इसका सटीक जवाब 8 दिसंबर मतगणना वाले दिन ही मिलेगा लेकिन वोटिंग से पहले सर्वे एजेंसियां जनता का मूड भांपने में जुटी हैं।
अधिकतर सर्वे में दावा किया गया है कि एक बार फिर भाजपा सरकार बना सकती है। आम आदमी पार्टी (आप) भी जड़ जमाती दिख रही है। 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को कड़ी टक्कर देने वाली कांग्रेस को इस बार ‘आप’ की एंट्री से नुकसान होता दिख रहा है। राजनीतिक जानकारों का भी कहना है कि भाजपा विरोधी मतों में बंटवारे से कांग्रेस को नुकसान और भाजपा को फायदा हो सकता है।
रिपब्लिक भारत और पी मार्क की ओर से गुरुवार को जारी किए गए सर्वे में कहा गया है कि 27 साल से सत्ता में आने का इंतजार कर रही कांग्रेस को कम से कम 5 साल और सब्र करना होगा। भाजपा अब तक की सबसे बड़ी जीत हासिल कर सकती है।
ओपिनियन पोल का अनुमान है कि भाजपा को 127-140 सीटें मिल सकती हैं। कांग्रेस 24-36 सीटों पर जीत हासिल कर सकती है। आम आदमी पार्टी (आप) को 9-21 सीटों पर जीत हासिल हो सकती है। अन्य के खाते में 0-2 सीटें जाने की भविष्यवाणी की गई है।
रिपब्लिक भारत और पी मार्क के ओपिनियन पोल का अनुमान है कि भाजपा को 46.2 फीसदी वोट मिल सकते हैं। कांग्रेस 28.4 फीसदी वोट पर कब्जा कर सकती है। आम आदमी पार्टी को 20.6 फीसदी वोट मिलने का अनुमान लगाया गया है। अन्य को 4.8 फीसदी वोट मिल सकते हैं। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस को वोट शेयर को जोड़ दिया जाए तो भाजपा को अनुमानित वोट से अधिक हो जाता है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अगुआई में गुजरात में मेहनत कर रही ‘आप’ भले ही तीसरे नंबर पर दिख रही हो, लेकिन शून्य से 20 फीसदी वोट शेयर के उछाल को भी बड़ी कामयाबी के रूप में देखा जा सकता है। पिछले चुनाव में आप ने 29 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे और सभी पर जमानत जब्त हो गई थी।