नई दिल्ली। 26/11 के वो जख्म देश कभी नहीं भूल सकता जब पाकिस्तान से आए आतंकियों मुंबई में सैकड़ों निर्दोष लोगों को जान से मार दिया था। आज उसी मुंबई हमले की 14वीं बरसी है। बता दें कि लश्कर तैयबा के 10 आतंकवादियों ने मुंबई को बम धमाकों और गोलियों से दहला दिया था। आतंकियों ने छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (CSMT), ताजमहल पैलेस होटल, होटल ट्राइडेंट, नरीमन हाउस, लियोपोल्ड कैफे, कामा अस्पताल और उन भीड़भाड़ वाले इलाकों को निशाना बनाया था।
आजाद भारत में यह अब तक का सबसे बड़ा आतंकी हमला है। इस हमले में 18 सुरक्षाकर्मियों सहित 166 लोगों की जान चली गई थी और 300 से ज्यादा लोग इस हमले में घायल हुए थे। देश की सबसे सुरक्षित जगह ताज महल होटल को आतंकियों ने निशाना बनाकर हमारी सुरक्षा व्यवस्था पर सवालिया निशान लगा दिया था। NSG कमांडोज और मुंबई पुलिस ने मिलकर इस हमले का सामना किया और 9 आतंकियों को मार गिराया गया। जिंदा पाए गए एक आतंकी अजमल कसाब को पकड़ा गया और उसे कोर्ट द्वारा फांसी की सजा सुनाई गई। कसाब को फांसी हमले की चौथी बरसी से 5 दिन पहले 21 नवंबर 2012 को सुनाई गई थी।
मुख्य अपराधी कौन थे और अब कहां हैं?
हाफिज सईद :
लश्कर के प्रमुख और जमात उद दावा के प्रमुख हाफिज सईद को मुंबई में 26/11 के हमलों का मास्टरमाइंड बताया गया था। हालांकि पाकिस्तान सरकार ने हमलों में अपनी भूमिका से इनकार करना जारी रखा, लेकिन आतंकवादियों के फोन रिकॉर्ड से पता चला कि उन्हें कॉल पाकिस्तान से की गई थी। हाफिज सईद को नवंबर 2020 में टेरर फंडिंग के दो मामलों में पंजाब की आतंकवाद निरोधी अदालत 10 साल जेल की सजा सुना चुकी है। इतना ही नहीं कोर्ट ने सईद की संपत्ति को भी जब्त करने व 1.1 लाख रुपये के जुर्माने का भी आदेश दिया था. वहीं इस मामले में सईद के दो साथियों जफर इकबाल और याहया मुजाहिद को 10.5 साल जेल व जबकि अब्दुल रहमान मक्की को 6 महीने जेल की सजा सुनाई थी।
साजिद मीर:
साजिद मजीद मीर, एक अन्य व्यक्ति था जो 26/11 के आतंकवादी हमलों के लिए जिम्मेदार था। अमेरिका ने मुंबई आतंकी हमलों में उसकी भूमिका के लिए उसके सिर पर 5मिलियन अमेरिकी डॉलर का इनाम रखा था। जून 2022 में, साजिद को पाकिस्तान में एक आतंकवाद-रोधी अदालत द्वारा आतंकवाद-वित्त पोषण मामले में 15साल की जेल हुई थी। मीर 26/11 के आतंकवादी हमलों में अपनी भूमिका के लिए भारत में वांछित था जिसमें छह अमेरिकियों सहित 166लोग मारे गए थे। एफबीआई ने कहा कि मीर ने हमलों के मुख्य योजनाकार के रूप में काम किया था, तैयारी और टोही का निर्देशन किया था और हमलों के दौरान पाकिस्तान स्थित नियंत्रकों में से एक था।