लखनऊ। एक तरफ योगी सरकार के दूसरे दौर के कार्यकाल के लिए शपथ ग्रहण समारोह का भव्य इंतजाम हो रहा है तो दूसरी तरफ अखिलेश यादव को लगता है कि उन्हें शपथ ग्रहण समारोह में न तो न्योता दिया जायेगा और न ही वो जा पाएंगे। शपथ ग्रहण में न जाने के पीछे अखिलेश के मन में बैठा एक डर भी है। आपको याद दिला दें 2017 के विधानसभा चुनाव नतीजों के बाद योगी के शपथ ग्रहण में समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव को भी न्योता था। उन्हें मंच पर आमंत्रित किया गया था। मंच पर पीएम मोदी भी मौजूद थे जिनके कान में नेताजी ने कुछ बातें कही थीं। इन बातों को लेकर अखिलेश की खूब किरकिरी हुई थी। तरह तरह की मीम बने थे और चुटकुले भी। इस बार भी न्योता मुलायम सिंह यादव को भी जायेगा। न्योता तो अखिलेश यादव को भी जायेगा लेकिन अखिलेश यादव ने अपना बयान जारी कर इसी किरकिरी से बचने का उपाय पहले ही तलाशने की कोशिश की है। वैसे बीजेपी इस तरीके के प्रकरण को भुनाने में माहिर है और सम्भव है कि बीजेपी अखिलेश के नहले पर दहला खेल जाए।
उधर अखिलेश यादव ने भी मास्टरस्ट्रोक चलने की कोशिश की है। अखिलेश यादव ने कहा है कि वो आजमगढ़ से सांसद नहीं रहेंगे। उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। अखिलेश ने कहा कि वो विपक्ष की राजनीति को उत्तर प्रदेश ने नया आयाम देने की कोशिश करेंगे। एमवाई समीकरण को और मजबूत करने के लिए आजम खान ने भी रामपुर से सांसद पद से इस्तीफ़ा दे दिया है। वो भी अब विधायक रहेंगे।