लखनऊ। योगी हैं तो यकीन है कि उत्तर प्रदेश में अपराधियों की कोई जगह नहीं है। 2017 में सत्ता संभालने के बाद से ही इस दावे को सीएम योगी आदित्यनाथ धरातल पर उतारते भी रहे हैं। अपराधियों में सीएम योगी के नाम का ऐसा खौफ है कि वे खुद ही थानों में जाकर आत्मसमर्पण करने लगे। कइयों ने अपराध का रास्ता छोड़ सकारात्मक कार्यों में अपनी ऊर्जा लगाकर घर-परिवार के प्रति जिम्मेदारी भी समझी। वहीं न्यायालय में भी मजबूत पैरवी कर आरोपियों को सजा दिलाने में भी सरकार ने कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। हालिया मामला प्रतापगढ़ के नवाबगंज का है, जहां नाबालिग का अपहरण, दुष्कर्म व हत्या के बाद सीएम के निर्देश पर आरोपियों की गिरफ्तारी की गई और मजबूत पैरवी की बदौलत न्यायालय ने दोनों को मृत्यृदंड व 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।
साल भी नहीं बीता, परिवार के दर्द को सरकार ने किया कम
प्रतापगढ़ जिले के नवाबगंज में 30 दिसंबर 2021 को पीड़िता के भाई की तहरीर पर नाबालिग से अपहरण, दुष्कर्म, हत्या और पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। इस प्रकरण में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने त्वरित कार्रवाई का निर्देश दिया था, जिस पर पुलिस ने आरोपी हलीम उर्फ खड़बड़ और रिजवान ( ग्राम परसई, थाना नवाबगंज, प्रतापगढ़) को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया था। इस जघन्यतम मामले में 11 महीने से भी कम समय में 2 नवंबर को अपर जनपद न्यायाधीश और विशेष न्यायाधीश पॉक्सो ने दोनों आरोपियों को दोषी मानते हुए मृत्युदंड के साथ 50 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई। इस फैसले से पीड़िता के परिवार के लोगों में सुकून आया। योगी सरकार की यह पैरवी बेटियों के विश्वास की जीत है।
यूपी में बेटियों की सुरक्षा पर सीएम की नजर
यूपी में सुरक्षित माहौल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहली प्राथमिकता रही। सत्ता संभालने के बाद से ही उन्होंने इस पर पूरा फोकस किया। दिन हो या रात, बेटियां अनुकूल माहौल में आ-जा सकें। इसके लिए मुख्यमंत्री ने प्रशासन व पुलिस अफसरों के पेंच कसे। बेटियों से जुड़े मामलों पर सीएम की खुद भी नजर रही। एंटी रोमियो स्कवॉड के जरिए स्कूलों, सार्वजनिक स्थलों पर भी बेटियों की सुरक्षा पर पूरा ध्यान रहा। जब-जब भी बेटियों पर आंखें उठीं, योगी सरकार अपराधियों पर काल बन गई।