नई दिल्ली। अलगाववादी नेता यासीन मलिक को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। मलिक को दो अपराधों आईपीसी की धारा 121 (भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ना) और यूएपीए की धारा 17 (आतंकवादी गतिविधियों के लिए राशि जुटाना) के लिए दोषी ठहराते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई गई है। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी। यासीन मलिक को कुल 8 मामलों में सजा सुनाई गई है। इसके अलावा उसपर 10 लाख का जुर्माना भी लगाया गया है। फैसला सुनाते हुए जज ने कहा कि सभी अपराधों में अलग-अलग सजा व जुर्माना किया गया। हालांकि अधिकतम सजा उम्रकैद है। सभी सजाएं एक साथ चलेंगी।
19 मई की सुनवाई के दौरान यासीन अपने गुनाह कबूल कर चुका है। उसने माना कि वो कश्मीर में आतंकी गतिविधियों में शामिल रहा है। यासीन मलिक को सजा के बीच कश्मीर घाटी में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और यासीन मलिक के घर पर ड्रोन से नजर रखी जा रही है। यही नहीं अदालत परिसर में भी सुरक्षा व्यवस्था बेहद कड़ी थी और फैसले से पहले डॉग स्क्वॉड के जरिए निगरानी की गई।
यासीन मलिक पर आतंकी गतिविधियों में शामिल होने, टेरर फंडिंग करने, आतंकी साजिश रचने और भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने जैसे आरोपों में कई मामले दर्ज हैं। भारतीय वायुसेना के 4 निहत्थे अफसरों, पूर्व होम मिनिस्टर मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी के अपहरण समेत कई अन्य मामलों में भी यासीन मलिक आरोपी है।