लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार प्रदेश के गरीबों, वंचितों और पिछड़ों के जीवन स्तर को सुधारने के लिए तमाम तरह के प्रयास कर रही है। सरकार ने बीते 6 वर्ष में न सिर्फ इस तबके के लिए राज्य स्तर पर कई योजनाएं बनाई हैं, बल्कि जो योजनाएं केंद्र सरकार ने शुरू की हैं उनका भी क्रियान्वयन पूरी सजगता के साथ प्रत्येक पात्र व्यक्ति तक पहुंचाने का कार्य किया है। इसी क्रम में पात्र स्ट्रीट वेंडर्स को प्रदेश में पीएम स्वनिधि योजना का लाभ दिया जा रहा है। बड़ी संख्या में उत्तर प्रदेश के स्ट्रीट वेंडर्स डिजिटली एक्टिव होकर इस योजना का लाभ उठा रहे हैं। 31 दिसंबर 2022 तक प्राप्त आंकड़ों के अनुसार 4 लाख से ज्यादा स्ट्रीट वेंडर्स पीएम स्वनिधि योजना के तहत एक्टिव यूजर्स में शामिल हैं। योजना के अंतर्गत प्रदेश के सभी 75 जिलों में 8.76 लाख से ज्यादा लोन स्वीकृत किए गए हैं। इसके माध्यम से एक्टिव यूजर्स में करीब 46 प्रतिशत ने 7 करोड़ रुपए के करीब ट्रांजेक्शन किए हैं।
लखनऊ-वाराणसी में सबसे ज्यादा डिजिटल एक्टिव स्ट्रीट वेंडर्स
वैसे तो डिजिटली इस योजना का लाभ सभी 75 जिलों में स्ट्रीट वेंडर्स को मिल रहा है, लेकिन अगर टॉप-5 की बात करें तो वाराणसी, प्रयागराज, फिरोजाबाद, लखनऊ और मेरठ में सबसे ज्यादा स्ट्रीट वेंडर्स डिजिटली एक्टिव हैं। वाराणसी में 34514 लोन ऑनलाइन निस्तारित किए जा चुके हैं। यहां 25851 स्ट्रीट वेंडर्स डिजिटली एक्टिव हैं। इनमें 74.90 प्रतिशत को योजना के अंतर्गत लोन मिला है। यहां 32 लाख रुपए से ज्यादा का ट्रांजेक्शन हुआ है। इसी तरह प्रयागराज में 25851 स्ट्रीट वेंडर्स एक्टिव हैं। यहां 33410 लोन के जरिए 37 लाख से अधिक का ट्रांजेक्शन किया गया है। फिरोजाबाद में 12347 स्ट्रीट वेंडर्स एक्टिव हैं, जबकि 20625 लोन मामले निस्तारित किए गए जिसमें 11 लाख से अधिक की राशि का लेन-देन किया गया है। इसी तरह लखनऊ में 40740 एक्टिव वेंडर्स हैं। यहां 77247 लोन के जरिए 1.14 करोड़ रुपए का ट्रांजेक्शन हुआ है। मेरठ में भी 16957 एक्टिव वेंडर्स दर्ज हैं। यहां 35015 लोन का वितरण किया गया है और 26 लाख से अधिक का ट्रांजेक्शन किया गया है।
वेंडर्स को डिजिटली एक्टिव करने में जुटी सरकार
प्रदेश सरकार स्ट्रीट वेंडर्स को डिजिटल एक्टिव करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। इन-एक्टिव वेंडर्स एवं शून्य लेन-देन वाले वेंडर्स को प्राथमिकता पर एक्टिव किया जा रहा है। समस्त जनपदों में रैंडम सर्वे कराया गया, जिसमें पाया गया कि नगर निगम जनपद में लगभग 57 प्रतिशत एवं गैर नगर निगम वाले जनपदों में लगभग 25 प्रतिशत वेंडर्स द्वारा अन्य यूपीआई आईडी का प्रयोग किया जा रहा है। ऐसे वेंडर्स को चिन्हित करते हुए उनकी यूपीआई आईडी को भारत सरकार के पोर्टल पर अपडेट कराया गया है। इसमें जनपद स्तर पर वाराणसी द्वारा, जबकि गैर नगर निगम जनपद स्तर पर पीलीभीत द्वारा सराहनीय कार्य किया गया है। यही नहीं नगर निकाय, डूडा के समस्त अधिकारी/कर्मचारियों को डिजिटली लेन-देन के लिए ट्रेन्ड किया गया है। जनपद स्तर पर डीएलबीसी के माध्यम से वेंडर्स को बैंकों द्वारा डिजिटल साक्षरता हेतु कैंप का आयोजन कराया जा रहा है। स्वनिधि मित्रों को भी इसमें सम्मिलित किया जाएगा।
50 हजार तक का ले सकते हैं लोन
सरकार पीएम स्वनिधि योजना के तहत रेहड़ी-पटरी वालों को फिर से अपना काम शुरू करने के लिए लोन मुहैया कराती है। इनमें सब्जी बेचने वाले, फल बेचने वाले और फास्ट फूड की छोटी दुकान लगाने वाले जैसे लोग शामिल हैं। पीएम स्वनिधि योजना के तहत सरकार 50 हजार रुपए तक का लोन उपलब्ध कराती है। लेकिन 50 हजार रुपए के लोन लेने के लिए अपनी क्रेडिबिलिटी बनानी होगी। इसलिए किसी को भी इस स्कीम के तहत पहले 10 हजार रुपए का लोन मिलेगा। एक बार लोन चुकाने के बाद दूसरी बार डबल राशि कर्ज के रूप में लिया जा सकता है। ऐसे ही तीसरी बार में वो 50 हजार रुपए के लोन के लिए योग्य हो जाएगा। इस स्कीम की खास बात ये है कि लोन पर सरकार सब्सिडी भी प्रदान करती है। साथ ही किसी गारंटी की भी जरूरत नहीं है। आवदेन मंजूर होने के बाद लोन की रकम तीन बार में खाते में ट्रांसफर कर दी जाती है।