Top NewsUttar Pradesh

उत्तर प्रदेश को ‘पर्यटन प्रदेश’ बनाएगी योगी सरकार

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार प्रदेश को ‘पर्यटन प्रदेश’ के रूप में विकसित करने जा रही है। इसके लिए प्रमुख पर्यटन स्थलों के साथ कम ज्ञात पर्यटन स्थलों को संवारने और प्रदेश के पर्यटन क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए निजी निवेशकों को 40 करोड़ रुपए तक की छूट प्रदान करने का फैसला किया गया है। बुद्धवार को ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद की बैठक में नई पर्यटन नीति को मंजूरी दी गई है, जिसमें निवेशकों को फोकस पर्यटन स्थलों के विकास में योगदान देने पर राहतों की बड़ी सौगात दी गई है। उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने दुनिया भर के पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए कई तरह की पहल की हैं। इनमें एक जैसे धार्मिक, भौगोलिक और प्राकृतिक स्थलों को जोड़कर सर्किट बनाने के अलावा नए वैकल्पिक पर्यटन केंद्रों की स्थापना का खाका तैयार किया गया है। साथ ही, पर्यटन के क्षेत्र में 20 हजार करोड़ के निवेश के साथ-साथ 10 लाख रोजगार सृजित करने का लक्ष्य भी तय किया गया है।

हर तरह के निवेशकों को मिलेगी सब्सिडी

नई नीति के तहत प्रदेश में निवेश करने वाले उद्यमियों को कई तरह के अनुदान देने की बात कही गई है। इसके तहत, 10 लाख से लेकर 10 करोड़ रुपए तक का निवेश करने वालों को 25 प्रतिशत या 2 करोड़ रुपए तक की छूट मिलेगी। वहीं, 10 करोड़ से 50 करोड़ रुपए तक का निवेश करने वाले उद्यमियों को 20 प्रतिशत या 7.5 करोड़ रुपए तक की सब्सिडी प्रदान की जाएगी। इसी तरह 50 करोड़ रुपए से 200 करोड़ रुपए के बीच निवेश पर उद्यमियों को 15 प्रतिशत या 20 करोड़ रुपए तक की सब्सिडी मिलेगी। वहीं 200 करोड़ से 500 करोड़ रुपए के बीच के निवेशकों को 10 प्रतिशत या 25 करोड़ रुपए तक की छूट प्रदान की जाएगी। 500 करोड़ रुपए से अधिक पूंजी का निवेश करने वाले प्रीमियर निवेशकों को 10 प्रतिशत या 40 करोड़ रुपए में जो भी अधिक हो, सब्सिडी प्रदान की जाएगी।

महिलाओं और एससी-एसटी को 5 प्रतिशत अतिरिक्त छूट

फोकस टूरिज्म डेस्टिनेशन (एफटीओ) में पर्यटन इकाई के प्रस्तावों हेतु महिला उद्यमी तथा अनुसूचित जाति व जनजाति के उद्यमियों को सब्सिडी में अतिरिक्त 5 प्रतिशत का अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही, पर्यटन इकाइयों की स्थापना हेतु 5 करोड़ रुपए तक की बैंक ऋण राशि पर पात्र पर्यटन इकाइयां अधिकतम 5 साल की अवधि के लिए प्रति वर्ष ऋण राशि के 5 प्रतिशत या अधिकतम 25 लाख की ब्याज सब्सिडी प्रदान की जाएगी। पंजीकृत पर्यटन इकाइ ब्याज सब्सिडी अथवा कैपिटल सब्सिडी में से किसी एक अनुदान हेतु ही अनुमन्य होगी।

स्टांप शुल्क और पंजीकरण में 100 प्रतिशत छूट

नई पर्यटन नीति में पर्यटन इकाइयों की स्थापना या विस्तारीकरण हेतु भूमि के प्रथम क्रय, लीज, ट्रांसफर पर स्टांप शुल्क और पंजीकरण शुल्क में 100 प्रतिशत छूट दिए जाने का भी प्रावधान है। सभी नई और विस्तार कर रही पर्यटन इकाइयों के लिए भू उपयोग परिवर्तन और विकास शुल्क में भी पूर्ण छूट दिए जाने का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा रोजगार सृजन पर ईपीएफ सब्सिडी, दिव्यांग अनुकूल इकाइयों के लिए विशेष प्रोत्साहन, सूचना और प्रौद्योगिकी सक्षमता के लिए विशिष्ट प्रोत्साहन, नवाचार विशिष्ट हेतु 50 हजार रुपए तक का प्रोत्साहन, पर्यटन, आतिथ्य उद्योग में शोध के लिए 10 लाख रुपए तक की सहायता के अलावा राज्य की दुर्लभ एवं लुप्तप्राय कला, संस्कृति और व्यंजनों का संरक्षण, संवर्धन, पुनर्जीवित किए जाने हेतु 5 लाख तक प्रोत्साहन की व्यवस्था की गई है।

हेरिटेज होटलों के लिए विशेष प्रोत्साहन

हेरिटेज इकाई को लेकर भी नीति में कई प्रोत्साहन दिए गए हैं। हेरिटेज इकाई के मूल स्वरूप में बिना बदलाव लाए इकाई के संरक्षण, विस्तार, रेनोवेशन के जरिए हेरिटेज होटलों का संचालन करने वाले उद्यमियों को पूंजीगत निवेश के 25 प्रतिशत या अधिकतम 5 करोड़ रुपए की सब्सिडी प्रदान की जाएगी। 5 करोड़ के ऋण पर 5 वर्ष तक 5 प्रतिशत तक का ब्याज अनुदान दिए जाने का प्रावधान है। हेरिटेज इकाइयों को पूंजीगत एवं ब्याज अनुदान दोनों अनुमन्य होगा। हेरिटेज होटल की स्थापना या विस्तारीकरण हेतु क्रय की गई भूमि पर स्टांप ड्यूटी में छूट दिए जाने का प्रावधान है। वहीं हेरिटेज होटल की स्थापना हेतु भू उपयोग परिवर्तन आवश्यक होने पर ऐसा परिवर्तन निशुल्क किए जाने का प्रावधान है। ग्रामीण क्षेत्रों में हेरिटेज होटलों के परिसर में बार लाइसेंस हेतु लाइसेंस शुल्क में 50 प्रतिशत प्रतिपूर्ति किए जाने का भी प्रावधान है। वहीं राज्य सरकार हेरिटेज होटल्स तक सर्वऋतु मार्ग तथा अतिक्रमण मुक्त लिंक रोड की व्यवस्था कराएगी। निर्बाध विद्युत आपूर्ति हेतु विद्युत सब स्टेशन, ट्रांसफॉर्मर की व्यवस्था की जाएगी तथा आकर्षक साइनेज लगाए जाएंगे।

युवाओं में विकसित करेंगे पर्यटन की समझ

नीति में युवाओं एवं बच्चों में प्रारंभ से ही पर्यटन व संस्कृति की समझ, आवश्यक्ता तथा महत्व को विकसित करने की योजना बनाई गई है। इसके तहत युवा पर्यटन क्लबों को देश में उत्तरदायी और सतत पर्यटन विकसित करने के साधन के रूप में चिन्हित किया गया है। इसके अलावा राज्य में विभिन्न पर्यटन व्यवसायों द्वारा संचालित असाधारण पहलों और सेवा की गुणवत्ता को मान्यता प्रदान करने के लिए बेस्ट टूर ऑपरेटर, बेस्ट वेलनेस सेंटर, बेस्ट होटल, बेस्ट हेरिटेज होटल, बेस्ट इको टूरिज्म ऑपरेटर, बेस्ट इको रिसॉर्ट, बेस्ट होमस्टे, बेस्ट एडवेंचर टूर ऑपरेटर आदि राज्य पर्यटन पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे।

=>
=>
loading...
BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH