लखनऊ। उत्तर प्रदेश में ग्रास रूट लेवल पर खेलों को बढ़ावा दे रही योगी सरकार अब महाविद्यालयों में खेलों का इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार कर वहां भी खिलाड़ियों को तैयार करने में जुट गई है। इसके लिए सरकार ने मेजर ध्यानचंद मिशन के तहत राजकीय महाविद्यायलों में खेलकूद इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 1.71 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की है। इस राशि को 31 मार्च 2024 तक किया जाना अनिवार्य होगा। इस राशि से खेलकूद से संबंधित विभिन्न निर्माण कार्य कराए जाएंगे, ताकि महाविद्यालयों में आने वाले खिलाड़ियों को प्रशिक्षण और विभिन्न प्रतियोगिताओं की तैयारियों के लिए कहीं अन्य जगह भटकना न पड़े।
प्रत्येक महाविद्यालय को मिलेंगे एक लाख रुपए
प्रदेश सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की मंशा के अनुरूप प्रदेश भर के राजकीय महाविद्यालयों में खिलाड़ियों को तैयार किए जाने की योजना है। साथ ही, पहले से जो खिलाड़ी महाविद्यालयों में अध्ययनरत हैं उन्हें खेल का इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध कराना हमारी प्राथमिकता है। इसी क्रम में शासन स्तर पर कुल 171 राजकीय महाविद्यालयों में खेल इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने के लिए प्राविधानित बजट 1.72 करोड़ के सापेक्ष 1.71 करोड़ की राशि जारी की जा रही है। इसके तहत प्रत्येक राजकीय महाविद्यालय को एक लाख रुपए मुहैया कराए जाएंगे, ताकि वो अपने यहां आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार कर सकें। इसके माध्यम से खिलाड़ी महाविद्यालय में अध्ययन के साथ-साथ अपने पसंदीदा खेलों में करियर बनाने की संभावनाओं को भी मूर्त रूप दे सकेंगे।
गुणवत्ता से नहीं होगा समझौता
मालूम हो कि महाविद्यालय इस राशि से खेल से संबंधित नए इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार कर सकेंगे। इसमें विभिन्न खेलों से संबंधित कोर्ट, टर्फ आदि शामिल हैं। उन्होंने बताया कि स्वीकृत की जा रही धनराशि निदेशक, उच्च शिक्षा उत्तर प्रदेश प्रयागराज द्वारा आरटीजीएस के माध्यम से निर्माण एजेंसी लोक निर्माण विभाग को उपलब्ध कराने में वित्त विभाग के द्वारा निर्धारित शर्तों का अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा। इस राशि का उपयोग हर हाल में 31 मार्च 2024 तक किया जाना है। स्वीकृत राशि बैंक खाते में नहीं रखी जाएगी एवं इसका व्यय वित्तीय हस्तपुस्तिका के सुसंगत प्राविधानें एवं समय-समय पर शासन द्वारा निर्गत शासनादेशों के अनुरूप किया जाएगा। कार्यों का सम्यक परीक्षण नियमानुसार किया जाए एवं कार्य की गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए, इसके संबंध में सभी राजकीय महाविद्यालयों को निर्देशित किया गया है।