कानपुर के बिधून गंगापुर कॉलोनी में रक्षा बंधन पर भाई को राखी बांधने आई बहन के शरीर पर पिटाई के निशान को देखकर छोटे भाई ने अपने ही जीजा की गैंती से काट कर हत्या कर डाली। हत्या करने के बाद वह मौके पर ही बैठा रहा। पुलिस ने आरोपी भाई को गिरफ्तार कर लिया है। दूसरी ओर पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
इलाके में रहने वाले बीएसएनएल से रिटायर्ड रामबाबू मिश्रा ने अपनी बेटी संध्या की शादी करीब 14 साल पहले पास में रहने वाले लोडर चालक भानु बाजपेई (43) से की थी। उनके दो बच्चे अनिकेत (12) व महक (8) हैं। भानु नशे का आदी था। जिसके चलते पति-पत्नि में आए दिन शराब को लेकर झगड़ा होता रहता था। इसी के चलते संध्या अपने पति से अलग होकर ढाई साल से अपने मायके में रह रही थी।
बाद में भानु समझौता कर संध्या को साथ में रखने लगा था, लेकिन नशेबाजी की आदत न छूटने के कारण उनके बीच फिर से विवाद होने लगा। रविवार सुबह रक्षा बंधन पर भानु संध्या को करीब एक किमी दूर स्थित उसके मायके छोड़ कर अपने काम पर निकल गया।
इस बीच मायके में संध्या के छोटे भाई बीए फर्स्ट ईयर के छात्र अनुज मिश्रा (20) ने उसके शरीर पर पिटाई के निशान देखे तो बौखला गया। उसने पहले घर से बाहर जाकर शराब पी। शाम को घर लौटा तो संध्या को लेने पहुंचे भानु से उसकी मुलाकात हो गई। दोनों के बीच में संध्या की पिटाई को लेकर विवाद शुरू हो गया। इस बीच अनुज में पास में रखी गैंती से भानु पर धावा बोल दिया। चीख पुकार सुनकर जब तक संध्या व उसके पिता मदद को पहुंचते। उससे पहले ही ताबड़तोड़ हमला करते हुए अनुज ने भानु को मौत के घाट उतार दिया।
तब तक मारा जब तक नहीं निकले प्राण
जीजा की हत्या करने के बाद अनुज बिना किसी अफसोस के उसी कमरे में जमीन पर बैठ गया। संध्या की जब भानु से शादी हुई थी उस वक्त अनुज की उम्र करीब सात वर्ष थी। बचपन से बहन को प्रताड़ित होता देख अनुज के मन में भानु के प्रति कहीं न कहीं जहर भरता गया। रविवार को बहन के शरीर पर चोटों के निशान देख कर वह अपना आपा खो बैठा।
भानु पर गैंती से तब तक हमला किया, जब तब उसके प्राण नहीं निकल गए। ताबड़तोड़ हुए वार से कमरे की छत, दीवारें और आसपास रखा फर्नीचर तक खून से सन गया। रामबाबू के अनुसार घटना के वक्त उनके तीन अन्य बेटे राहुल, राघव व विभु अपने काम से घर के बाहर थे। अगर वे घर में होते तो इतना बड़ा आघात होने से बच जाता।
शव देख संध्या हुई बेहोश
संध्या भाग कर कमरे में पहुंची तो भानु का रक्तरंजिश शव देख कर बेसुध हो गई। वह अपने भाई से रोते हुए पूछती रही कि तूने यह क्या कर दिया…। आज के दिन भाई बहनों और उनके सुहाग की रक्षा का वचन देते हैं और तूने मेरा ही सुहाग छीन लिया…। हृदयविदारक वारदात की सूचना से घटना स्थल के बाहर लोगों की भीड़ जमा हो गई।