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सड़क पर तड़पते युवक की मौत: यूपी पुलिस और अस्पताल की लापरवाही से बुझी 20 वर्षीय करन यादव की जिंदगी

चंदौली जिले के मुगलसराय में मानवता को झकझोर देने वाला मामला सामने आया है। गुरुवार शाम दुल्हीपुर इलाके में हुई सड़क दुर्घटना में घायल युवक को न तो समय पर पुलिस मदद मिली, न ही अस्पताल में इलाज। संवेदनहीनता और देरी के कारण युवक ने आखिरकार दम तोड़ दिया।जानकारी के अनुसार, 20 वर्षीय करण यादव दुल्हीपुर स्थित एक निजी कॉलेज से घर लौट रहा था। इसी दौरान जीटी रोड पर एक ऑटो ने उसे टक्कर मार दी, जिससे वह डिवाइडर पर गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गया।

घटना के बाद युवक सड़क पर तड़पता रहा, लेकिन आसपास मौजूद लोग तमाशबीन बने रहे। इस दौरान *आशीष चौहान* नामक युवक ने मानवता दिखाते हुए डायल 112 पर फोन कर पुलिस को सूचना दी। सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन घायल को अस्पताल ले जाने की बजाय करीब आधे घंटे तक मौके पर ही रोके रही।

आखिरकार आशीष ने खुद ही ई-रिक्शा की मदद से करण को डीडीयू नगर के राजकीय महिला चिकित्सालय पहुंचाया। लेकिन वहां भी लापरवाही का सिलसिला जारी रहा। अस्पताल में स्ट्रेचर तक उपलब्ध नहीं था और घायल करण गेट पर ही तड़पता रहा। आशीष के कई बार अनुरोध करने के बाद उसे किसी तरह अंदर ले जाकर इलाज शुरू किया गया।हालांकि, देर से इलाज शुरू होने की वजह से करण की हालत बिगड़ती गई और कुछ समय बाद उसकी मौत हो गई।

घटना से आहत मददगार आशीष चौहान ने पूरी घटना का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल किया, जिसमें अस्पताल की लापरवाही साफ दिख रही है।इस मामले में इमरजेंसी ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर राहुल सिंह ने अस्पताल के कर्मचारियों का बचाव किया, लेकिन स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि यदि समय पर मदद और इलाज मिलता, तो करण यादव की जान बच सकती थी।फिलहाल पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। यह घटना एक बार फिर सवाल खड़ा करती है कि जब जिम्मेदार तंत्र ही संवेदनहीन हो जाए, तो आम नागरिक की जान की सुरक्षा किसके भरोसे रहेगी?

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH