नई दिल्ली| लगातार तीसरा वर्ल्ड कप न खेलने पर भारत के लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल का दर्द छलक उठा है। विज्डन इंडिया से बातचीत में युजवेंद्र चहल ने कहा कि उन्हें टीम से बाहर होने की आदत हो गई है और साथ ही कहा कि यह उनकी जिंदगी का हिस्सा बन गया है। चहल ने कहा, ‘मैं समझ सकता हूं कि केवल 15 खिलाड़ी हिस्सा बन सकते हैं क्योंकि यह वर्ल्ड कप है। मुझे निश्चित ही बुरा लगता है, लेकिन मेरी जिंदगी का लक्ष्य आगे बढ़ जाना है। मैं अब नजरअंदाज होने का आदी हो चुका हूं। उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा कि अब तो तीन वर्ल्ड कप हो चुके हैं।’
राजस्थान रॉयल्स के स्पिनर ने काउंटी क्रिकेट में खेलने की असली वजह का खुलासा भी किया। चहल ने कहा, ‘मैं केंट के लिए काउंटी क्रिकेट में खेलने इसलिए आया क्योंकि मैं कहीं भी और किसी भी तरह क्रिकेट खेलना चाहता था। मुझे यहां लाल गेंद से खेलने का मौका मिला और मैं भारत के लिए भी लाल गेंद से खेलना चाहता हूं। तो मेरे लिए यह अच्छा अनुभव रहा।’
चहल ने अपनी काउंटी क्रिकेट के बारे में आगे बताया कि वो इंग्लैंड में इसका भरपूर आनंद उठा रहे हैं। चहल ने साथ ही बताया कि वो भारत के लिए भी टेस्ट क्रिकेट खेलना चाहते हैं। भारतीय लेग स्पिनर ने कहा, ‘मैंने अपने कोचों से बातचीत की और वो खुश हैं कि मैं कहीं कुछ खेल रहा हूं क्योंकि आप नेट्स पर जितनी मर्जी प्रैक्टिस कर लें, मैच की बात ही अलग होती है। मुझे यहां अच्छे स्तर पर खेलने को मिल रहा है। मुझे बहुत कुछ सीखने को मिल रहा है। मैं भारत के लिए टेस्ट मैच खेलना चाहता हूं।’