NationalTop News

लोस में जीएसटी पर चर्चा शुरू, वित्त मंत्री ने पेश किया विधेयक

एक जुलाई से लागू होना है जीएसटी, लोस में जीएसटी पर चर्चा शुरू, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पेश किया विधेयकarunj-jaitley

पूरे देश में एक जुलाई से लागू होना है जीएसटी  

नई दिल्ली| केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को लोकसभा में जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) से संबंधित चार विधेयक पेश किए, उसके बाद विधेयकों पर चर्चा शुरू हुई। जेटली ने विधेयकों को पेश करते हुए कहा, “इन चारों विधेयकों को एक साथ पेश किया जा रहा है, क्योंकि विधेयकों की विषयवस्तु एक जैसी ही है।”

एक जुलाई से लागू होना है जीएसटी, लोस में जीएसटी पर चर्चा शुरू, वित्त  मंत्री अरुण जेटली ने पेश किया विधेयक
arunj-jaitley

उन्होंने कहा, “अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था के तहत संविधान संशोधन से पहले केंद्र के पास कुछ करों को लागू करने का अधिकार था। एकीकृत कर प्रणाली पर लंबे समय से चर्चा होती रही है, जिसके तहत राज्य और केंद्र सरकार संग्रहित कर को साझा करेंगे।”

उन्होंने कहा, “जीएसटी परिषद पहला संघीय संस्थान है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि यह संघीय संस्था काम करे। इसमें केंद्र और राज्यों का संतुलित मेलजोल है, जबकि हम परिषद को सुझाव देने के लिए मुक्त है। एक ही समय पर हमें संघीय ढांचे को सम्मान देने की भी जरूरत है।”

जीएसटी को एक जुलाई से देशभर में लागू किया जाना है। इसके पंजीकरण, भुगतान, रिटर्न्‍स और इनवॉयस रिफंड से संबंधित नियमों को पहले ही मंजूरी मिल चुकी है। इसके बाकी नियमों पर 31 मार्च को जीएसटी परिषद में चर्चा होगी।

गौरतलब है कि बुधवार को संसद के निचले सदन में केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (सीजीएसटी) सहित तीन अन्य जीएसटी विधेयकों को चर्चा के लिए पेश किया गया।

यह भी पढ़ें- लोकसभा में जीएसटी विधेयक 2017 पेश

जेटली ने कहा कि अगले महीने से कमोडिटीज की कर दरें तय की जाएंगी। आवश्यक खाद्य सामानों पर शून्य फीसदी कर दर तय होगी। इसके अलावा करों की चार दरें हैं, जिसमें पांच फीसदी, 12 फीसदी, 18 फीसदी और 28 फीसदी दरें हैं।

वित्तमंत्री जेटली ने कहा कि विलासिता की वस्तुओं और स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाले उत्पादों पर लगभग एक जैसे प्रभावकारी कराधान तय किए जाएंगे।

यदि आपके लग्जरी वाहन पर 40 फीसदी कराधान और सिगरेट पर 65 फीसदी कराधान लगता है तो उन्हें 28 फीसदी की कर दरों में रखा जाएगा और राज्यों का राजस्व घटने की भरपाई के हर्जाने के तौर पर उपकर (सेस) लगाया जाएगा।

केंद्रीय जीएसटी विधेयक 2017 कर वसूली, केंद्र सरकार द्वारा राज्य के भीतर सामानों, सेवाओं या दोनों पर कर संग्रह की व्यवस्था करेगा।जेटली ने इसके अलावा समेकित वस्तु एवं सेवा कर विधेयक 2017 को भी सदन में पेश किया, जिससे राज्य के भीतर आपूर्ति पर कर संग्रह का प्रावधान होगा।

जेटली ने वस्तु एवं सेवा कर (राज्यों को क्षतिपूर्ति) विधेयक भी पेश किया, जिसके तहत जीएसटी लागू होने पर राज्यों के राजस्व घाटे पर मुआवजा दिया जाएगा।

इसके साथ ही केंद्रीय प्रशासित वस्तु एवं सेवा कर विधेयक 2017 भी पेश किया गया, जिसमें केंद्र प्रशासित क्षेत्र में सामानों, सेवाओं या दोनों की आपूर्ति पर कर संग्रह का प्रावधान है।

=>
=>
loading...