विश्व चैंपियन बेल्जियम ने आख़िरी क्वॉर्टर में चैम्पियनों वाला प्रदर्शन करके भारत को 5-2 से हराकर लगातर दूसरे ओलंपिक के फ़ाइनल में स्थान बना लिया। अब उनके सामने विश्व चैम्पियन रहने के साथ ओलंपिक चैम्पियन बनने का भी मौक़ा है। पांच साल पहले रियो ओलंपिक में वह पहली बार फ़ाइनल में पहुंची थी। पर उस समय अर्जेंटीना ने उसके सपने को तोड़ दिया था। अब वह ऑस्ट्रेलिया और जर्मनी के विजेता से खेलकर चैम्पियन बनने का प्रयास करेगी।
वहीं इस हार ने भारत की उम्मीदों को बड़ा झटका दिया है। हालांकि भारत के लिए अब कांस्य पदक जीतने का मौका है और वह यदि पदक जीतता है तो यह उसका ओलंपिक हॉकी में 41 सालों बाद पदक होगा। भारत ने आख़िरी बार 1980 के मॉस्को ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीता था।
भारतीय टीम ने वैसे तो जमकर मुक़ाबला किया और अपने खेल से मैच का रुख़ अपनी तरफ़ करने का माद्दा भी दिखाया। लेकिन बेल्जियम ने आख़िरी क्वॉर्टर में चैम्पियनों वाला प्रदर्शन करके यह जीत हासिल की। उन्होंने दूसरे क्वॉर्टर के आख़िर में बराबरी पाने के बाद तीसरे क्वॉर्टर से खेल पर नियंत्रण बनाने का प्रयास किया। पर उन्हें तीसरे क्वॉर्टर में तो इस काम में ज़्यादा सफलता नहीं मिली। लेकिन चौथे और आख़िरी क्वॉर्टर में वह पूरी तरह से भारत पर दवाब बनाने में सफल हो गई।