चंडीगढ़ | विपक्षी दल कांग्रेस ने मंगलवार को पंजाब विधानसभा का बजट सत्र शुरू होने से ठीक पहले विधानसभा परिसर में पानी के बंटवारे को लेकर विरोध-प्रदर्शन किया। माथे पर काली पट्टी बांधे, हाथों में काले झंडे व नारे लिखी तख्तियां लिए कांग्रेस विधायक विधानसभा परिसर में घुसे और राज्य में सत्तारूढ़ शिरोमणि अकाली दल -भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के गठबंधन वाली सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। कांग्रेस विधायकों ने पंजाब के राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी के भाषण का भी बहिष्कार किया।
सुरक्षाकर्मियों द्वारा विधानसभा परिसर में दाखिल होने से रोकने पर कुछ कांग्रेस विधायक परिसर गेट के ऊपर से कूद गए। कांग्रेस ने मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के नेतृत्व वाली राज्य सरकार पर पानी के बंटवारे के मुद्दे पर पंजाब के हितों को बेचने का आरोप लगाया। कांग्रेस ने कहा कि वह पंजाब के पानी को सतलुज-यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर के जरिए पड़ोसी राज्य हरियाणा में नहीं जाने देगी। मुख्यमंत्री बादल ने मंगलवार को संवाददाताओं को बताया कि राज्य सरकार एसवाईएल मुद्दे पर विधानसभा में बयान देगी।
बादल ने पिछले सप्ताह कहा था कि पंजाब के पास किसी को अपनी नदियों से देने के लिए एक बूंद भी नहीं है और शिरोमणि अकाली दल सुनिश्चित करेगा कि नदी तट के सिद्धांत के तहत राज्य के अविच्छेद्य अधिकार के साथ कोई समझौता न हो। हरियाणा सरकार की ओर से एसवाईएल नहर मुद्दे पर जल्द सुनवाई कराने के लिए दाखिल की गई याचिका को सर्वोच्च न्यायालय ने स्वीकार कर लिया है। इस मामले को लेकर सर्वोच्च न्यायालय में मंगलवार को सुनवाई होगी। एसवाईएल नहर का शिलान्यास अप्रैल 1982 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने किया था।