नई दिल्ली | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार की फसल बीमा योजना के कार्यान्वयन पर चर्चा करने के लिए मंगलवार को मुंबई में सभी बैंकों और बीमा कंपनियों के अधिकारियों से मिलेंगे। यह बात एक आधिकारिक सूत्र ने सोमवार को कही। केंद्रीय वित्त मंत्रालय के सूत्र ने कहा कि राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक के कार्यालय में होने वाली इस बैठक में वित्त मंत्री अरुण जेटली और वित्त तथा कृषि मंत्रालयों के अन्य अधिकारी भी मौजूद रहेंगे। बैठक में ऋण लेने वाले अधिकाधिक किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) के दायरे में लाने के तरीकों पर विचार किया जाएगा, ताकि 50 फीसदी बीमा सुरक्षा का लक्ष्य हासिल हो सके।
मौजूदा वित्त वर्ष में 8.5 लाख करोड़ रुपये कृषि ऋण का लक्ष्य रखा गया है। उसमें से सिर्फ 75 हजार करोड़ रुपये ही फसल बीमा के दायरे में हैं। अभी देश में कुल फसल क्षेत्र का सिर्फ करीब 25 फीसदी हिस्सा ही बीमा दायरे में है। सूखा और बेमौसमी बारिश के कारण गत वर्ष राज्य सरकारों ने राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष से 10,100 करोड़ रुपये से अधिक मदद की मांग की थी। नई फसल बीमा योजना एक अप्रैल से लागू होगी। योजना के अंतर्गत सभी खरीफ फसलों के लिए किसानों द्वारा देय प्रीमियम राशि सम इंश्योर्ड का दो फीसदी और रवि फसलों के लिए सम इंश्योर्ड का 1.5 फीसदी होगी। नकदी और बागवानी फसलों के लिए प्रीमियम पांच फीसदी होगी। प्रीमियम की शेष राशि पुरानी योजना की तरह केंद्र और राज्य सरकारें बराबर वहन करेंगी।