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नैनीताल उच्च न्यायालय में राष्ट्रपति शासन मामले की सुनवाई जारी रहेगी

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देहरादून। उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन और बजट अध्यादेश के खिलाफ दायर याचिकाओं पर बुधवार को फैसला नहीं हो सका, जिसके कारण नैनीताल उच्च न्यायालय में मामले की सुनवाई गुरुवार को भी जारी रहेगी। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति के.एम. जोसेफ और न्यायमूर्ति वी.के. बिष्ट की संयुक्त खंडपीठ में मामले की सुनवाई बुधवार को भी हुई। बहस शुरू होते ही केंद्र सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता जनरल तुषार मेहता ने अदालत से केंद्र के जवाब के लिए समय मांगा।

उन्होंने दलील दी कि हरीश रावत की ओर से मंगलवार को दिए गए शपथ-पत्र में कुछ नई बातें हैं। उनका जवाब देने के लिए आवश्यक कागजात की जरूरत है। इसका विपक्षी अधिवक्ता मनु सिंघवी ने विरोध किया। हालांकि संयुक्त खंडपीठ ने भी समय बढ़ाने पर सहमति नहीं दी। उन्होंने कहा कि सुनवाई के तहत बहस शुरू हो रही है। इस दौरान केंद्र इसको लेकर जवाब पेश कर सकता है। गौरतलब है कि कांग्रेस की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने बहस की शुरुआत की।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने के लिए विनियोग विधेयक के पारित नहीं होने को आधार बनाया गया है, जबकि 17 व 18 मार्च की विधानसभा की कार्यवाही इसके पारित होने का प्रमाण है। उन्होंने यह भी कहा कि विधानसभा के अंदर होने वाली हर कार्यवाही के लिए विधानसभा अध्यक्ष पूरी तरह स्वतंत्र होते हैं। संघवी ने अपनी दलील में विश्वास मत पर भी विशेष जोर दिया।

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