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राष्‍ट्रपति ने कहा बदल रही काशी, कई परियोजनाओं का किया शिलान्‍यास

वाराणसी। राष्ट्रपति बनने के बाद पहली बार रामनाथ कोविंद सोमवार को वाराणसी पहुंचे। रामनाथ कोविंद ने बड़ालालपुर स्थित दीनदयाल हस्तकला संकुल में विभिन्न सरकारी संस्थानों एवं निजी कंपनियों के स्टॉलों का निरीक्षण किया। प्रशिक्षण प्राप्‍त 10 युवाओं को नियुक्ति पत्र सौंपा। उन्होंने काशी को राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़ी 3473 करोड़ की परियोजनाओं की सौगात दी।

राष्ट्रपति ने प्रदर्शनी को देखने के लिए लोगों से अपील करते हुए कहा क‍ि ये प्रदर्शनी बदलते भारत की तस्वीर है। उन्होंने योजनाओं की शुरुआत के बाद कहा कि जिन योजनाओं का आज श्रीगणेश हुआ है, इससे बनारस और आसपास का विकास होगा।

रामनाथ कोविंद ने वाराणसी में प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ़ करते हुए कहा कि आज मुझे बहुत प्रसन्नता हो रही है। यूपी मेरा गृह राज्य है यहां की कठिनाइयों को मैंने देखा है। पहले भी वाराणसी जब मैं आता तो देखता था कि बिजली के तारों का जाल फैला रहता था और दुर्घटनाएं भी होती हैं।

केंद्र सरकार की मदद से प्रदेश सरकार बिजली के तारों को अंडर ग्राउंड करने की शुरुआत बनारस से कर रही है। पुराने काशी में लगभग काम पूरे भी हो चुके हैं। इसके लिए मुख्यमंत्री और उनकी टीम को बधाई देता हूं। रामनाथ कोविंद ने कहा कि अतीत में वाराणसी ने कई सीएम दिए हैं। पहली बार यहां के सांसद ने देश को पीएम दिया। एक सांसद के रूप में प्रधानमंत्री मोदी ने सतत प्रयत्नशील रहते हुए वाराणसी को विश्व पटल पर ला खड़ा किया है।

यही कारण है कि विदेशी राष्ट्र अध्यक्ष वाराणसी आए है।   राष्ट्रपति ने कहा कि बाबा विश्वनाथ की नगरी में राष्ट्रपति का पद ग्रहण करने के बाद मेरी पहली यात्रा है और इस यात्रा का एक सुखद अनुभव है। लोक मान्यता है कि निरन्तर अस्तित्व में बनी रहने वाली वाराणसी सबसे प्राचीन नगरी है। बदलते युग के साथ आधुनिक बदलाव को अपनाने का समन्वय बनारस में होता है।

यहां एक तरफ वैदिक कर्मकांड और गंगा आरती देखने को मिलती है तो दूसरी तरफ बीएचयू आईआईटी में आधुनिकता देखते हैं। यही सारनाथ में लगभग 2600 साल पहले भगवान बुद्ध ने अपना उपदेश दिया था। वाराणसी में कभी 15-15 दिन रुकने का अवसर मिला था। तब मैं यहां के संस्कृति में बिलकुल ढल गया था।

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Dileep Kumar
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