लखनऊ। यूपी में महंगाई के बोझ तले दबी जनता को योगी सरकार ने बड़ी राहत दी है। योगी कैबिनेट की बैठक में प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर रोक लगा दी गई है। अब प्राइवेट स्कूल अपनी मर्जी से फीस नहीं बढ़ा सकेंगे। यूपी के उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा और बीजेपी प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने प्रेस कांफ्रेंस कर प्रदेश में स्कूलों के लिए शुल्क नियंत्रण की नई व्यवस्था लागू करने का एलान किया है।
इसके मुताबिक़, निजी स्कूल हर साल 7-8 फीसदी से ज़्यादा फीस नहीं बढ़ा सकते। साथ ही 12वीं तक एक ही बार एडमिशन फ़ीस ली जा सकेगी। शुल्क लेने की प्रक्रिया पारदर्शी होगी और कोई भी स्कूल सिर्फ चार तरह से ही शुल्क ले सकेंगे, जिसमें विवरण पुस्तिका शुल्क, प्रवेश शुल्क, परीक्षा शुल्क और संयुक्त वार्षिक शुल्क शामिल है। इसके अलावा कोई भी स्कूल बच्चों की ड्रेस में पांच वर्ष तक बदलाव नहीं कर सकेगा और न ही जूते-मोजे व स्कूल की कॉपी-किताब किसी दुकान से लेने के लिए बाध्य कर सकेगा।
श्रीकांत शर्मा ने बताया कि प्रस्तावित विधेयक प्रदेश के छात्र-छात्राओं को बेहतर शिक्षा मुहैया कराते हुए प्राइवेट स्कूलों द्वारा वसूली जा रही मनमानी फीस को विनियमित करने के उद्देश्य से लाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस विधेयक को शैक्षिक सत्र 2018-19 से लागू किया जाना प्रस्तावित है। शर्मा ने बताया कि इन नियमों के दायरे में CBSE और ICSE बोर्ड द्वारा संचालित स्कूलों को भी लाया गया है।