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राष्ट्रमंडल खेल : स्वर्णिम जीत हासिल करने उतरेगा भारतीय दल

गोल्ड कोस्ट, 4 अप्रैल (आईएएनएस)| आस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में बुधवार से शुरू हो रहे राष्ट्रमंडल खेलों के लिए भारत की 222 सदस्यीय टीम पूरी तरह से तैयार है। यह टीम 21वें राष्ट्रमंडल खेलों में देश के लिए अधिक से अधिक पदक जीतने के लिए प्रतिबद्ध है।

चार साल पहले ग्लास्गो में आयोजित हुए 20वें राष्ट्रमंडल खेलों में भारतीय दल ने 64 पदक जीते थे, जिसमें 15 स्वर्ण, 30 रजत और 19 कांस्य पदक शामिल थे। ऐसे में इस बार टीम की कोशिश इन पदकों की संख्या में बढ़ोतरी के साथ-साथ अपने पदक बचाने की कोशिश में होगी।

राजधानी दिल्ली में 2010 में हुए राष्ट्रमंडल खेलों में भारत ने 101 पदक जीते थे। भारत को हमेशा सबसे अधिक पदक निशानेबाजी, कुश्ती, भारोत्तोलन और मुक्केबाजी से मिले हैं। इस बार भी इन खेलों से अधिक पदकों की उम्मीद है।

इस बार भारत को स्क्वाश, बैडमिंटन और एथलेटिक्स में भी पदक मिलने की उम्मीद है, क्योंकि इस बार इन खेलों में भी भारत के पास अच्छे खिलाड़ी हैं, जो जीत के प्रबल दावेदार हैं। देश को जिमनास्टिक में भी पदक की उम्मीद है।

निशानेबाजी में 2014 राष्ट्रमंडल खेलों में भारत ने 17 पदक जीते थे। इस बार 27 निशानेबाज भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। इनमें जीतू राय (50 मीटर पिस्टल), रवि कुमार (10 मीटर एयर राइफल), 2012-ओलंपिक पदक विजेता गगन नारंग (50 मीटर राइफल प्रोन), अनीश भानवाला (25 मीटर रैपिड फायर पिस्टल), हीना सिद्धु, मनु भाकर (दोनों 10 मीटर एयर पिस्टल), मेहुली घोष, अपूर्वी चंदेला (दोनों 10 मीटर एयर राइफल), अंजुम मुदगिल, तेजस्विनी सावंत (दोनों 50 मीटर राइफल-3 पोजीशन) और श्रेयसी सिंह (डबल ट्रैप) शामिल हैं।

भारोत्तोलन में विश्व चैंपियन एस. मीराबाई चानू (48 किग्रा), सतीश शिवलिंगम (77 किग्रा), के. संचिता चानू (53 किग्रा), दीपक लाथेर (69 किग्रा), सरस्वती राउत (58 किलो), पूनम यादव (69 किलो) से भी पदक की उम्मीद है।

भारत के पहलवानों पर नजर डाली जाए, तो दो बार के पदक विजेता सुशील कुमार (74 किग्रा) और 2016 ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक (62 किग्रा) टीम का नेतृत्व करेंगे। इनके अलावा टीम में बजरंग पुणिया (65 किग्रा), राहुल अवारे (57 किग्रा), मौसम खत्री (97 किग्रा), बबीता कुमारी (53 किग्रा), पूजा धांडा (57 किग्रा) और विनेश फोगाट (50 किलोग्राम) भी शामिल हैं, जो पदक हासिल करने मैट पर उतरेंगे।

मनोज कुमार (69 किग्रा), विकास कृष्ण (75 किलो), सतीश कुमार (91 किग्रा प्लस), गौरव सोलंकी (52 किलो), पांच बार विश्व चैंपियन एम.सी. मैरी कॉम (48 किग्रा), पिंकी रानी (51 किग्रा), एल. सरिता देवी (60 किग्रा) और लोवलिना बोरगोहिन (69 किग्रा) जैसे भारतीय मुक्केबाज पदक लेने रिंग में उतरेंगे। मैरीकॉम और सरिता के लिए यह उनका राष्ट्रमंडल खेलों में आखिरी दांव होगा।

एथलेटिक्स की टीम बड़ी है, लेकिन भाला फेंक एथलीट नीरज चोपड़ा, 2014-राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक जीतने वाली चक्का फेंक एथलीट सीमा पुनिया से अधिक उम्मीदें हैं।

इसके अलावा, तीन बार बार राष्ट्रमंडल खेलों की पदक विजेता सीमा अंतिल, एम. आर. पूवम्मा, जाउना मुर्मु, हीमा दास और सेनिया बैश्या से भी अशाएं हैं।

भारत की बैडमिंट टीम भी मजबूत हैं, जिसमें सायना नेहवाल, पी.वी. सिंधु, एच.एस. प्रणॉय, किदांबी श्रीकांत से पदक की उम्मीदें हैं।

पिछले दो राष्ट्रमंडल खेलों में पुरुष हॉकी टीम ने रजत पदक हासिल किया है, लेकिन इस बार उसका लक्ष्य अपने पदक के रंग को सोने में तब्दील करने का है और ऐसा ही सपना लेकर भारतीय महिला हॉकी टीम भी गोल्ड कोस्ट पहुंची है।

स्क्वाश में जोशना चिनप्पा और दीपिका पल्लिकल कार्तिक शीर्ष-10 सीड वाली खिलाड़ियों में शामिल हैं, वहीं सौरव घोषाल भी पुरुष वर्ग में तीसरी सीड के खिलाड़ी हैं। इसके अलावा, इस टीम में हरिंदर पाल संधु भी हैं।

टेबल टेनिस टीम में अचंता शरथ कमला नेतृत्व कर रही हैं। इसमें सौम्यजीत घोष, हरमीत देसाई, सनिल शेट्टी, जी. साथियान, मणिका बत्रा, मोउमा दास और पूजा साहश्रीबुद्दे से अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है।

साइकिलिंग में देबोराह हेरोल्ड और एलेना रेजी भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी।

जिमनास्टिक्स में इस बार दीपा करमाकर भारत की ओर से राष्ट्रमंडल खेलों में हिस्सा नहीं ले पाएंगी, लेकिन अरुणा बुद्दा रेड्डी पर सभी की निगाहें होंगी। उनका लक्ष्य भारत के लिए पदक जीतना है। उन्होंने इस साल हुए विश्व कप टूर्नामेंट में पदक जीतकर सुर्खियां बटोरी थीं। इसके अलाना आशीष कुमार भी पदक जीतने की पूरी कोशिश करेंगे।

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