प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अबतक के सबसे ताकतवर बिजली के रेल इंजन को हरी झंडी दिखाई। जिस इंजन को मोदी ने हरी झंडी दिखाई है वह 12000 हार्सपावर का है। भारतीय रेलवे के पास अभी तक सबसे ज्यादा क्षमता वाला 6000 एचपी का रेल इंजन था।
इसके साथ ही भारत, रूस, जर्मनी और स्वीडन सहित उन देशों की श्रेणी में शामिल हो गया है, जिसके पास 12000 हॉर्सपावर (HP) के बिजली के रेल इंजन हैं।
बिहार के विकास को मिली नयी रफ़्तार #ChaloChamparan pic.twitter.com/nVN914rxeB
— Mangal Pandey (@mangalpandeybjp) April 10, 2018
प्रतिघंटा अधिकतम 110 किलोमीटर की रफ्तार से भारी ढुलाई करने में सक्षम रेल इंजन मालगाड़ियों की रफ्तार और उनके माल ढुलाई की क्षमता में सुधार करेगा। मोदी ने इस मौके पर राष्ट्र को फ्रांसीसी कंपनी एल्सटॉम के निवेश के साथ संयुक्त उद्यम से बना मधेपुरा कारखाने का भी इनोग्रेशन किया। 20,000 करोड़ रुपये की परियोजना के अंतर्गत 11 वर्षो की अवधि में कुल 800 उन्नत हॉर्सपावर रेल इंजन बनने की उम्मीद है।
क्या है इस इंजन की खासियत
- इस इंजन की रफ्तार सर्दियों के कोहरे में भी कम नहीं होगी।
- इंजन 120 किलो मीटर प्रति घंटे की रफ्तार से मालगाड़ी को खींच सकता है।
- भारी माल ढुलाई के लिए या पहाड़ी इलाकों में चलने वाली ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाने के लिेए रेलवे को अब दो इंजनों का इस्तेमाल नहीं करना पड़ेगा।
- इस इंजन के साथ यात्री ट्रेन की स्पीड 200 किमी प्रति घंटा होगी।
- सुरक्षा और संरक्षा की नई तकनीक के चलते इस इंजन के पटरी से उतरने की संभावना बहुत कम है।
- किसी भी दुर्घटना की स्थिति में इस इंजन में स्वत: इमरजेंसी ब्रेक लग जाएंगे।
- अब तक भारत में अधिकतम साढ़े तीन हज़ार टन वजन खींचने वाला इंजन बनता था जबकि मधेपुरा में बने इस इंजन की क्षमता 6000 टन वजन खींचने की है।
- यह इंजन डीप फॉग वाचिंग डिवाइस से लैस है।
- इंजन के 90 प्रतिशत पार्टस स्वदेशी तकनीक से निर्मित हैं।
- यह इंजन पूरी सुरक्षा के साथ सभी प्रकार की पटरीयों पर दौड़ सकता है।