आगरा। पिछले कई दिनों से आंधी-तूफान और बारिश देश के कई राज्यों में तांडव मचा रखा। कल इसकी चपेट में प्रेम का प्रतीक ताजमहल भी आ गया, ताजमहल तूफान की ताकत को नहीं झेल पाया और उसकी मीनारें टूट गईं। ताजमहल के दक्षिण और रॉयल गेट्स की पत्थर की मीनारें टूट गईं।
ताजनगरी में बुधवार शाम 7.30 बजे एकाएक बिजली गडग़ड़ाने के बाद बादल घिरने लगे। तूफान का वेग उठा और चंद पलों में रौद्र रूप धारण कर लिया। लोग संभल पाते, तब तक ओलावृष्टि और भारी बारिश होने लगी। चंद मिनट में ही बवंडर ने विकराल रूप ले लिया।
सूत्रों के मुताबिक 130 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चल रही हवाओं के कारण रॉयल गेट के ऊपर लगा करीब 12 फीट ऊंचा पिलर टूटकर गिर पड़ा। इसी जगह से ताजमहल का दीदार सबसे पहले होता है। दक्षिणी गेट के पर लगा आठ फीट ऊंचा पिलर भी टूट गया। सरहिदी बेगम (सहेली बुर्ज) के मकबरे की छत का गुलदस्ता नीचे आ गया। परिसर के फोरकोर्ट में लगा नीम का पेड़ लैंप पर टूटकर गिर गया। इसके अलावा उद्यान में कई अन्य पेड़ भी टूटे हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2016 में भी ताजमहल की मीनारें गिर गई थीं। संभावना जताई गई थी कि साफ-सफाई के काम का असर पडऩे के कारण ऐसा हुआ।