लखनऊ। उन्नाव गैंगरेप मामले में आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर शिकंजा कस गया है। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने बुधवार रात विधायक को सरेंडर करने का आदेश दिया था और गुरुवार को विधायक पर पुलिस ने एफआईआर भी दर्ज कर ली है। इससे पहले योगी सरकार ने मामले की जांच सीबीआई से कराने का फैसला किया था। प्रमुख सचिव गृह अरविन्द कुमार और डीजीपी ओपी सिंह ने कहा है कि अब आगे की कार्रवाई सीबीआई को करनी है। बता दें कि इससे पहले डीजीपी ने रेप के आरोपी विधायक को माननीय कहकर भी संबोधित किया था जिसपर मीडियाकर्मियों ने आपत्ति जताई थी।
कौन हैं कुलदीप सिंह सेंगर
1- कुलदीप सिंह सेंगर कभी चुनाव नहीं हारे हैं। वह लगातार चार बार से विधायक हैं। इतना ही नहीं तीन बार उनका निर्वाचन क्षेत्र अलग-अलग रहा है।
2- कुलदीप सिंह सेंगर ने राजनीति की शुरुआत कांग्रेस से की और 2002 का चुनाव कांग्रेस की टिकट पर उन्नाव से लड़ा और जीते। इसके बाद उन्होंने कांग्रेस का साथ छोड़कर 2007 में बीएसपी के टिकट पर बांगरमऊ विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और जीते भी लेकिन इसके बाद में मायावती से मतभेद के चलते उन्होंने पार्टी छोड़ दी।
3- इसके बाद उन्होंने साइकिल की सवारी करने का फैसला किया। उन्होंने 2012 का विधानसभा चुनाव सपा के टिकट पर लड़ा। इस चुनाव में उन्होंने जीत दर्ज की। हालांकि इसके बाद उन्होंने साइकिल की सवारी रास नहीं आई और उन्होंने हाथों में कमल थाम लिया।
4- साल 2017 का विधानसभा चुनाव उन्होंने बीजेपी के टिकट पर लड़ा। उन्होंने बांगरमऊ सीट से जीत हासिल की। उन्होंने लगातार चौथी बार चुनाव जीता।
5- कुलदीप सिंह सेंगर ने 2007 में चुनावी घोषणा पत्र में संपत्ति 36 लाख बताई थी और 2012 में उनकी संपत्ति एक करोड़ 27 लाख की हो गई थी। वहीं 2017 के चुनावी घोषणा पत्र के मुताबिक, उनकी संपत्ति 2 करोड़ 14 लाख तक पहुंच गई।