रविवार सुबह जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले के बड़िगांव में हुई मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने हिज्बुल मुजाहिदीन के पांच आतंकी मार गिराए। इनमें कश्मीर यूनिवर्सिटी का एक असिस्टेंट प्रोफेसर मोहम्मद रफी बट भी शामिल है।
कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रहे रफी बट शुक्रवार शाम करीब 3.30 बजे से लापता था। बताया जा रहा है कि मौत से 36 घंटे पहले ही वह हिज्बुल में शामिल हुआ था। हिज्बुल का शीर्ष सरगना सद्दाम पद्दार, तौसीफ शेख, आदिल मलिक और बिलाल उर्फ मौलवी भी मुठभेड़ में मारे गए। सभी आतंकी दक्षिण कश्मीर के थे।
मारे जाने से पहले आतंकी प्रोफेसर ने पिता से फोन पर मांगी थी माफी
ख़बरों के मुताबिक डॉ. मोहम्मद रफी भट ने आखिरी बार अपने पिता से फोन पर बात की थी। आतंक की राह अपनाने वाले कश्मीर यूनिवर्सिटी के असिस्टेंट प्रोफेसर मोहम्मद रफी भट ने मरने से पहले अपने पिता से माफी भी मांगी थी। भट ने अपने पिता से फोन पर कहा, ”अगर मैंने आपको दुख पहुंचाया है, तो उसके लिए माफी मांगता हूं।”
प्रोफेसर से आतंकी बने डॉक्टर मुहम्मद रफी भट से सरेंडर करवाने के लिए सुरक्षा बल ने उनके परिजनों को भी घटनास्थल पर बुलाया था, लेकिन उसने सरेंडर नहीं किया। इसके बाद उसके मारे जाने की खबर आई। मालूम हो कि कश्मीर यूनिवर्सिटी के असिस्टेंट प्रोफेसर रफी भट के गायब होने की रिपोर्ट सामने आने के एक दिन बाद ही यह खुलासा हुआ कि वह अब आतंकी बन चुका है और उसे रविवार को शोपियां जिले में सुरक्षा बलों की ओर से शुरू किए गए अभियान के दौरान घेर लिया गया है। इसके बाद वह इस मुठभेड़ में मारा गया।