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सुप्रीम कोर्ट से यूपी के पूर्व मुख्यमंत्रियों का लगा झटका, सरकारी घर को कहना होगा बाय-बाय

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रियों के लिए बुरी ख़बर है। अभी तक वो जिस सरकारी बंगले में रहते आ रहे हैं अब उनको वो खाली करना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने इस बारे में आदेश दे दिया है। आप को बता दें कि लोकप्रहरी नाम के एनजीओ सरकारी आवास में रह रहे पूर्व मुख्यमंत्रियों के बारे में याचिका दाखिल की थी, जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी बंगला खाली करने का आदेश दे दिया है।

यूपी में अभी मुलायम सिंह यादव, मायावती, अखिलेश यादव, कल्याण सिंह, राजनाथ सिंह और एनडी तिवारी के पास लखनऊ में सरकारी बंगला है। सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि यह पूरी तरह से मनमाना है। अगर कोई पद छोड़ देता है उसके बाद भी उसे विशेष दर्जा देते हुए सरकारी बंगला दिया जाए तो यह समानता के अधिकार के खिलाफ है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नागरिकों में अलग अलग दर्जा नहीं बनाया जा सकता।

कोर्ट ने आज के अपने आदेश में साफ किया है यह सिर्फ उत्तर प्रदेश के कानून के खिलाफ है। दरअसल सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे सभी राज्यों से जवाब मांगा था कि जहां इस तरह की नीति है। इसके बाद कुछ राज्यों ने जवाब दिया कुछ ने नहीं दिया। बात पूर्व प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति तक भी पहुंच गई थी। आज सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले के आलोक में सभी राज्यों पर फैसला लेने की जिम्मेदारी है।

उत्तर प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी बंगला देने के लिए एक नीति बनाई गई थी जिसे सुप्रीम कोर्ट ने 2016 में मनमाना बताते हुए रद्द कर दिया था. इसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने दोबारा कानून बना दिया। आज सुप्रीम कोर्ट ने इस कानून की वैध्यता को भी खत्म कर दिया।

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Vineet Bajpai
the authorVineet Bajpai
Senior Reporter & Copy Editor