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‘घटी मोदी की लोकप्रियता, सिर्फ 57% लोग सरकार के काम से संतुष्ट’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का निर्वहन करते हुए इस महीने चार साल पूरे हो जाएंगे। 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में लोगों ने पूरी तरह से भरोसा किया था। इसी का नतीजा था कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आई थी। लेकिन अब जब सरकार को चार साल पूरे होने वाले हैं तब एक सर्वे में सामने आया है कि मोदी सरकार की लोक प्रियता में गिरावट आई है।

भाजपा ने 2019 के लोकसभा चुनाव की तैयारियों को धार देने के लिये ’48 साल बनाम 48 महीने’ का नारा दिया है। हाल ही में सिटीजन एंगेंजमेंट प्लेटफॉर्म लोकल सर्किल ने हाल ही में एक सर्वे किया है। सर्वे के मुताबिक अगले चुनावों में मोदी सरकार को सत्ता विरोधी लहर का भी सामना करना पड़ सकता है।

सर्वे में कई मोर्चों पर आंकड़े मोदी के खिलाफ दिख रहे हैं तो वहीं जीएसटी और नोटबंदी जैसे मुद्दों पर पीएम मोदी को थोड़ी राहत मिली है। सर्वे के मुताबिक, पिछले दो वर्षों में मोदी सरकार के कामों पर संतुष्टि व्यक्त करने वाले लोगों में सात प्रतिशत की गिरावट आई है। यह गिरावट लगातार जारी है। सर्वे में भाग लेने वाले 57 प्रतिशत लोग नरेंद्र मोदी सरकार के कामकाज से संतुष्ट हैं। पिछले साल 2016 में 64 फीसदी लोगों ने सराकार के काम काज में संतुष्टि दिखाई थी तो वहीं 61 परसेंट लोगों मोदी सरकार के कामकाज से खुश थे। लेकिन 2017 में इन दोनों आंकड़ों में 4 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है।

सरकार के दो वर्षों के पूरा होने पर किए गए एक सर्वेक्षण में, 63 प्रतिशत लोगों ने सांप्रदायिकता से जुड़े मुद्दों को संभालने में मोदी सरकार द्वारा किए गए प्रयासों से संतुष्टि व्यक्त की थी।लेकिन इस साल यह आंकड़ा घटकर 50 प्रतिशत रह गया। इस मुद्दे पर 13 फीसदी की गिरावट हुई है। आगामी चुनावों में कृषि संकट एक और क्षेत्र है जो मोदी सरकार के लिए एक चिंता का विषय बन सकता है। सर्वेक्षण में लगभग 47 प्रतिशत लोगों ने कहा कि मोदी सरकार के कार्यकाल के दौरान किसानों की स्थिति में सुधार नहीं हुआ है। हालांकि, 37 प्रतिशत का मानना था कि किसानों की स्थिति में अब काफी सुधार हो रहा है।

सर्वे में हर 10 में से 6 लोगों का मानना है कि मोदी ने अपने वादे पूरे करने में कामयाब रही। सर्वे में शामिल लोगों में तीन चौथाई ने भारत की पाकिस्तान के खिलाफ नीति का समर्थन किया है। सर्वे के मुताबिक 54% लोग मानते हैं कि टैक्स टेररेज़म घटा है और डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) योजना सफल रही है। सर्वे में मोदी सरकार को सबसे बड़ी राहत जीएसटी और नोटबंदी के मोर्चे पर मिली है। 32 प्रतिशत लोगों का कहना है कि जीएसटी के बाद उनका रोजमर्रा का खर्च घटा है। 60 प्रतिशत लोगों का मानना है कि कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ।

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Vineet Bajpai
the authorVineet Bajpai
Senior Reporter & Copy Editor