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 इंसानियत की मिसाल, ये कुत्ता बना बतख के 9 बच्चों का पिता, वायरल वीडियो  

 

अकेलेपन को दूर करने के लिए मैंने अक्सर इंसानों को देखा हैं जानवर पालते हुए,  लेकिन आज हम आपको एक ऐसे जानवर एक बारे में बताने जा रहे हैं जिसने बतख के बच्चों को पाल रहा हैं  माँ और पिता की तरह.  आज आप लोग अपनी समस्या को एक तरफ कर दीजिये चाहे वो डीजल और पेट्रोल की हो या चुनाव की, समस्या तो बनी रहती हैं पर आज हम आपको मिलायेंगे ऐसे प्राणी से जो आपको बताएगा की जिन्दगी कैसे जी जाती हैं.

आज के समय में जहाँ इंसानियत नाम की चीज नही रही हैं इंसानों में तो वहीँ  ये तस्वीरें देखने में जितनी खूबसूरत लग रही हैं तो उतनी ही कही न कहीं एक अहम संदेश भी देती हैं जो बहुत ही  अहम हैं  हम लोग इंसानियत के किस्से तो बहुत सुनते हैं जिनको सुन कर हम लोगों  को दिल भर आता हैं . लेकिन इसको क्या कहेंगे , यहां दिल जीतने वाला कोई इंसान नहीं बल्कि एक कुत्ता है.

दिल तो इसी एक लाइन ने छू लिया था, जब हमने सुना था कि ‘एक कुत्ते ने बतख के 9 अनाथ बच्चों को गोद लिया’. अगर एक जानवर किसी दूसरी नस्ल के जानवर के साथ प्यार जताता है तो आश्चर्य भी बहुत होता है क्योंकि अक्सर तो मैंने यही सुना हैं की कुत्ते पक्षियों के बच्चों को खा  जाते हैं  लेकिन बात  ये भी बताती हैं की जानवरों के अन्दर भी बहुत इंसानियत  होती हैं बस उनको कोई समझने वाला होना चाहिए.

लंदन की एक टूरिस्ट लोकेशन Mountfitchet Castle में फ्रेड नाम का लैब्राडोर कुत्ता रहता है, जिसकी उम्र 10 साल है. ये किला बचाए गए जानवरों का घर है. और अब फ्रेड भी यहां के जिम्मेदार नागरिक की तरह नई भूमिका में आ गया है, जो कि एक पिता की है.

बतख के बच्चों को जब बेसुध और इधर-उधर भटकते देखा गया तो किले के कर्मचारियों ने उनकी मां को खोजा, लेकिन वो कहीं नहीं मिली. वो चिंतित थे कि बिना मां के इन बच्चों का क्या होगा तो वो उन्हें किले में ले आए. लेकिन तभी फ्रेड एक संरक्षक की तरह उनके पास आया और उनके साथ खेलने लगा. फ्रेड के पंख तो नहीं थे, लेकिन उसने इन 9 बच्चों के अपने पैरों के बीच सहेज कर रखा.

अब ये बतख के बच्चे फ्रेड के साथ ही सोते हैं और उसी के पीछे-पीछे चलते हैं, जैसे वही उनकी मां हो. फ्रेड भी उन्हें अपने ही बच्चों की तरह प्यार करता है और उनकी देखभाल करता है. बच्चे भी फ्रेड के साथ मस्ती और शरारत करते हैं, वो उसकी पीठ पर बैठ जाते हैं उसके सिर पर चढ़कर बैठ जाते हैं.

अब फ्रेड इन अनाथ बच्चों का पिता भी है और मां भी. लेकिन किले के लोगों का कहना है कि कुछ दिन और शायद फ्रेड इन बच्चों के साथ रहे, जब तक वो इस काबिल नहीं हो जाते कि वो अपना ध्यान खुद रख सके, उसके बाद अगर वो किले से जाना चाहे तो जा सकते हैं. लेकिन कुत्ते और बतख के बच्चों की बॉन्डिंग देखकर लगता नहीं कि ये बच्चे बड़े होकर भी कहीं और जाएंगे. ये प्यार इन्हें कहां जाने देगा.

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