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इस तकनीक से आप बिना मिट्टी के खेती करके कमा सकते हैं लाखों रूपये

जब बात आती है खेती की तो लोगो के दिमाक में आता हैं खेती करने के लिए ज्यादा से ज्यादा ज़मीन होनी चाहिए लेकिन आज हम आपको एक ऐसे तकनीक के बारे में बताएँगे जिसमे आप बिना जमीन और मिट्टी के बिना भी आप खेती कर सकते हैं। आप छोटी सी जगह में जैसे, घर की छत के ऊपर भी खेती कर सकते हैं।

इसमें पानी की भी जरूरत नहीं होती। बिना मिट्टी के खेती हाइड्रोपोनिक्स तकनीक के जरिए खेती की जा सकती है। कई बार आपने देखा होगा कि हम किसी पौधे की टहनी किसी पानी भरी बोतल में रख देते हैं तो उसमें कुछ दिनों में जड़ निकल आती है और धीरे-धीरे वह पौधा बढ़ने लगता है। बस कुछ ऐसा ही हाइड्रोपोनिक्स तकनीक में भी होता है।

इस खेती से आपका एक साल में 2 करोड़ पहुंच जायेगा टर्नओवर
इस तकनीक के जरिए आप बड़ा मुनाफा कमा सकता है। चेन्नई के रहने वाले श्रीराम गोपाल ने इस तकनीक को जानने के बाद तीन दोस्तों के साथ मिलकर स्टार्टअप शुरू किया।

श्रीराम ने अपनी पुरानी फैक्ट्री की खराब पड़ी जमीन पर हाइड्रोपोनिक तकनीक से खेती शुरू की। शुरुआत में तीनों दोस्तों ने 5-5 लाख रुपए का इन्वेस्टमेंट किया। 2015-16 में कंपनी का टर्नओवर 38 लाख रुपए था। एक साल में ही बढ़कर 2 करोड़ रुपए हो गया। अब टर्नओवर 6 करोड़ रुपए तक जाने की उम्मीद है। इनकी कंपनी अब हाइड्रोपोनिक्स किट्स भी बेचने का बिजनेस भी करती है।

 

कैसे की जाती हैं खेती…

– इस प्रॉसेस से फ्लैट, घर में बिना मिट्टी के पौधे और सब्जियां उगाई जा सकती हैं।

– पानी में लकड़ी का बुरादा, बालू या कंकड़ों को डाला जाता है।

– पौधों के लिए जरूरी पोषक तत्व का घोल तैयार किया जाता है।

– पौधों में ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए पतली नाली या पम्पिंग मशीन का इस्तेमाल किया जाता है।
– इसमें कीटनाशक का उपयोग बिल्कुल नहीं होता। उत्पादन सामान्य से ज्यादा होता है।

 

– हाइड्रोपोनिक किट्स ऑनलाइन भी खरीदी जा सकती हैं। इसकी शुरुआती कीमत 999 रुपए है।

– 200 स्क्वॉयर फुट में खर्चा करीब 1 लाख रुपए आता है। 200 से 5 हजार स्केवयर फुट में खर्चा 1 से 10 लाख रुपए के बीच आता है।

क्या होता है प्रॉसेस

– किसी भी पौधे के लिए तीन चीजें जरूरी होती हैं। पानी, पोषक तत्व और सूर्य का प्रकाश। इन तीनों चीजों के जरिए ही आप पौधे को

बढ़ा सकते हो।

– इसमें पेड़-पौधे जो तत्व जमीन से प्राप्त कर लेते हैं, उन्हें ऊपर से उपलब्ध कराया जाता है। जरूरी खनिज, पोषक तत्वों का विशेष

घोल बनाया जाता है। इस घोल की पौधों में कुछ बूंदे डाली जाती हैं।

– इसमें नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश, मैग्नीशियम, कैल्शियम, सल्फर, जिंक और आयरन जैसे तत्वों को एक खास अनुपात में मिलाया जाता है।

शुरू में क्या होते हैं चैलेंज

– हाइड्रोपोनिक्स तकनीक में ट्रेडीशनल खेती के बजाए शुरुआती खर्चा ज्यादा आता है। हालांकि बाद में यह सस्ती पड़ती है।

– इस प्रॉसेस में पानी का पंपों के जरिए दोबारा इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे में बिजली लगातार चाहिए होती है।

– शुरुआत में लोगों को लगता है कि हाइड्रोपोनिक्स तकनीक के बारे में काफी रिसर्च करना पड़ेगी। बहुत सीखना पड़ेगा, जबकि इसमें

कोई बहुत रिसर्च की जरूरत नहीं होती। आसानी से इसे शुरू किया जा सकता है।

क्या होते हैं फायदे

– सामान्य खेती के मुकाबले इसमें 90 फीसदी कम पानी लगता है।

– मिट्टी न होने के चलते छत पर भार नहीं पड़ता। छत के साइज के हिसाब से किट मिल जाती है।

 

– एरिया और जरूरत के मुताबिक इसकी किट्स मार्केट में मिल जाती हैं।

– इस तकनीक को एक एकड़ में लगाने का खर्च 50 लाख रुपए तक आएगा।

– यदि घर में 80 स्क्वॉयर फुट में इसे लगाया जाता है तो खर्चा 40 से 50 हजार रुपए के बीच होगा।

 

 

 

 

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