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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पत्र में रिटायर महिला टीचर ने निकली ढेरों गलतियों

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का दस्तखत किया हुआ एक पत्र में इन दिनों अमेरिका अपनी कई खामियों की वजह से खासा चर्चा का विषय बना हुआ है.

दरसल मामला हैं व्हाइट हाउस की ओर से जवाबी पत्र रिटायर महिला टीचर के पास भेजा गया, लेकिन इस अंग्रेजी टीचर को पत्र में लिखावट और लिखने की शैली संबंधी कई गलतियां मिल गईं और उन्होंने उसे पीले रंग के मार्कर से निशान लगाया और कई चूक की ओर इशारा करते हुए पत्र को वापस भेज दिया.

साथ ही उन्होंने  पत्र के कई हिस्सों पर कुछ सुझाव भी दिए गए. पत्र के शीर्ष पर बाईं तरफ ग्रामर और लिखने की शैली चेक करने कीबात कही जबकि पत्र के नीचे नेशन (nation) शब्द की शुरुआत में कैपिटल में एन लिखे जाने पर उन्होंने लिखा कि ओएमजी दिस इज रॉन्ग (OMG this is wrong).

 व्हाइट हाउस की ओर से जॉर्जिया के अटलांटा में रहने वाली 61 साल की वोन मैसन को संबोधित करते हुए 3 मई को ई-मेल के जरिए एक पत्र जारी किया गया.

वोन मैसन हाईस्कूल की टीचर रही हैं और वह पिछले साल ही रिटायर हुईं, लेकिन उनकी कॉपी चेक करने वाली आदत अभी भी गई नहीं और उन्होंने राष्ट्रपति के सरकारी आवास व्हाइट आवास की ओर से जारी से पत्र में कई खामियां पाईं.

उन्होंने पत्र में कई सुधार करते हुए उसकी एक फोटो खींची और उसे फेसबुक पर पोस्ट कर दिया. साथ ही उन्होंने इसे व्हाइट हाउस के वापस भी भेज दिया. उन्होंने कहा कि इसमें काफी गलतियां हैं, मैं ऐसी खराब लेखनी को बर्दाश्त नहीं कर सकती. अगर उसमें सुधार की कोई भी गुंजाइश है तो इसे किया जाना चाहिए.

स्कूल फायरिंग को लेकर लिखा था पत्र

अटलांटा में रहने वाली मिस मैसन एक डेमोक्रेट हैं और उन्होंने राष्ट्रपति ट्रंप के नाम से एक पत्र लिखा जिसमें उन्होंने फरवरी में फ्लोरिडा के पार्कलैंड के एक स्कूल में हुई फायरिंग में मारे गए 17 लोगों के परिजनों से बारी-बारी से मिलने की बात कही थी.

उसी पत्र के जवाब में राष्ट्रपति ट्रंप के हस्ताक्षर वाला पत्र मिस मैसन को भेजा गया, लेकिन स्कूल टीचर रहीं मैसन को उसमें कई गलतियां दिख गई. हालांकि न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, जवाबी पत्र में सरकार ने टीचर की ओर से उठाए गए मुद्दों पर कुछ खास नहीं कहा. मेसन ने माना कि उन्होंने बेहद निराशा में व्हाइट हाउस को पत्र लिखा था क्योंकि वह चाहती थीं कि घटना से प्रभावित लोगों के परिजनों के लिए कुछ किया जाए.

हालांकि सोशल मीडिया में वह ट्रोल भी हो गईं क्योंकि कई लोगों का कहना है कि उन्होंने कई जगह सही लिखे शब्दों को भी गलत करार दिया.

 

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