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10 दिवसीय महाहड़ताल: कृषि प्रधान देश के अन्नदाताओं ने दूध तो कहीं सब्जी से किया सड़को का अभिषेक

हमारे देश के अन्‍नदाता जिनकी वजह से हम लोगो का जीवन चल रहा हैं आज वहीँ अन्नदाता अपनी समस्याओं से जूझते हुए आखिरकार उनको सड़कों पर आना ही पड़ गया। आज हम आप लोगों का ध्यान खीचते हुए हमारे देश जो जमीनी स्तर से जाना जाता है। इसी लिए भारत को कृषि प्रधान देश कहा जाता हैं आज वहीँ कृषि प्रधान देश  में कहीं किसान मर रहे हैं तो कहीं धरना कर रहे हैं,

ये समस्या सिर्फ किसानों की नहीं हैं। क्योंकि हम सभी लोग कहीं न कहीं  उसी जमीनी स्तर से जुड़े हुए हैं तो आपको नहीं लगता हैं की ये हमारे देश की सबसे बड़ी समस्या हैं।  हम लोग हर एक छोटी से छोटी बातों पर चर्चा करते हैं तो क्या आपको इस मुद्दे पर चर्चा करना जरुरी नहीं समझते हैं क्यों ?

 

किसानो ने कर्ज माफी व फसलों के सही दाम न मिलने की वजह से किसानों ने की राष्ट्रव्यापी 10 दिवसीय महाहड़ताल, आज हड़ताल का दूसरा दिन है। पहले दिन राजस्थान, उत्‍तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र, केरल व छत्तीसग़़ढ में आंदोलन का अच्छा असर दिखा।

के पहले दिन ही दूध और सब्जियों की सप्लाई पर खासा असर पड़ा और कुछ जगहों पर इनकी कीमत में भी बढ़ोतरी दर्ज की गई। हालांकि, कुछ छिटपुट हिंसा को छोड़ देशव्‍यापी आंदोलन शांतिपूर्वक रहा। बता दें कि राष्ट्रीय किसान महासंघ ने 130 संगठनों के साथ केंद्र सरकार के खिलाफ आंदोलन का आह्वान किया है।

इस बीच संगठन के संयोजक शिवकुमार शर्मा ‘कक्का’ ने दावा किया कि सभी किसान संगठन लामबंद हैं। वहीं, भारतीय किसान यूनियन ने कहा कि सरकार हमारी तीन मांगें (कर्जमाफी, लाभकारी मूल्य और किसान पर दर्ज प्रकरण की वापसी) मान लेती है तो हम आंदोलन समाप्त करने को भी तैयार हैं। छह जून को गांव-गांव में दीपक जलाकर मंदसौर गोलीकांड के मृतकों को श्रृद्धांजलि दी जाएगी। 10 जून के बाद मंडी बंद आंदोलन करेंगे।

राष्ट्रव्यापी महाहड़ताल का असर…..

किसान आंदोलन के पहले दिन शुक्रवार को कुछ स्थानों पर छिटपुट विरोध प्रदर्शन के बीच बंद बेअसर रहा। मध्‍यप्रदेश के झबुआ में धारा 144 लगा दी गई है। किसान आंदोलन को देखते हुए सरकार ने भारी सुरक्षाबल की तैनाती की है। राज्य के 18 जिलों में स्पेशल ऐक्शन फोर्स की 87 कंपनियां, 5000 अतिरिक्त बल तैनात किए गए हैं। पुलिस बल को भोपाल, इंदौर, राजगढ़ और दतिया में 100 वाहन मुहैया कराए गए हैं। पुलिस अफसरों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। उन्हें 10 दिन तक पुलिस स्टेशन में मौजूद रहने के लिए कहा गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक 35 जिलों में करीब 10 हजार लाठियां भी बंटवाई गई हैं।

 

इस बार किसानों ने जो मांगें सरकार के सामने रखी है वो है देश के किसानों का पूरा कर्जा माफ किया जाए, सभी फसलों पर लागत के आधार पर डेढ़ गुना लाभकारी मूल्य (MSP) दिया जाए, इसके अलावा छोटे किसानों की आय सुनिश्चित की जाए और फल, सब्जी, दूध के दाम भी लागत के आधार पर डेढ़ गुना समर्थन मूल्य पर तय किए जाएं.

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