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महासंपर्क अभियान: कैराना उपचुनाव में हार के बाद अब भाजपा रिझाएगी शिवसेना को

फूलपुर और कैराना उपचुनाव में हुई बड़ी हर के बाद भाजपा अब 2019 के चुनाव और अपने सामने एकजुट विपक्ष को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी अब रूठे हुए सहयोगियों को मनाने में लग गई है।

आपको बता दे संपर्क फॉर समर्थन अभियान के तहत भाजपा अध्यक्ष अमित शाह अब शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे से उनके निवास पर बुधवार को मुलाकात करेंगे। अमित शाह की यह मुलाकात इसलिए भी बेहद अहम है, क्योंकि शिवसेना ने कहा है कि वह 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में बीजेपी से हाथ नहीं मिलाएगी। ऐसे में माना जा रहा है कि अमित शाह ‘रूठे’ ठाकरे को मनाने की कोशिश करेंगे।

                इन तस्वीरों में साफ़ नजर आ रहा हैं की कभी भाजपा और शिवसेना के रिश्तो में कितनी मिठास थी

इसलिए शिवसेना और भाजपा के रिश्तों के बीच आई खटास को ख़त्म करने के लिए अमित शाह शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे से मुलाकात आज बुधवार शाम छह बजे उद्धव के घर मातोश्री में करेंगे।

आपको बता दे कि बीजेपी शिवसेना ने सात जून को हुए पालघर लोकसभा उपचुनाव में एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ा था। बिहार में भी एनडीए की बैठक बुलाई गई थी। लेकिन एक बाद एक उपचुनावों में हुई हार के बाद सहयोगी दलों से रिश्ते सुधारने की क़वायद में है। अमित शाह सात जून को चंडीगढ़ में रहेंगे। वह अकाली दल के नेता प्रकाश सिंह बादल और सुखबीर सिंह बादल से मुलाकात करेंगे। संपर्क फ़ॉर समर्थन अभियान के तहत मुलाकात होगी। आगामी लोकसभा चुनाव की रणनीति और राज्य के हालात पर भी चर्चा करेंगे। सहयोगी दलों से मेल-मिलाप का सिलसिला है ताकि उनकी शिकायतों को सुना जा सके। सात जून को पटना में प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष नित्यानंद राय ने सभी सहयोगियों को डिनर पर बुलाया है।

आपको बता दे की सोमवार को ही शिवसेना सांसद संजय राउत ने रविवार को शिवसेना को बीजेपी का सबसे बड़ा राजनीतिक शत्रु बताया था। उन्होंने यह भी कहा था कि देश को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह की जोड़ी नहीं चाहिए, लेकिन देश कांग्रेस या जेडी नेता एचडी देवगौड़ा को स्वीकार कर सकता है।

हालांकि, बीजेपी की ओर से शिवसेना के लिए दरवाजे कभी बंद नहीं किए गए। अप्रैल में मुंबई में महारैली के बाद अमित शाह ने कहा था कि बीजेपी ने 2014 के लोकसभा चुनाव में बहुमत हासिल करने के बाद भी अपने सहयोगियों को अपने साथ रखा है। उन्होंने ठाकरे के लोकसभा चुनाव मे अकेले जाने के दावे की प्रतिक्रिया में कहा था कि वह (शिवसेना) सरकार में हैं और उनकी इच्छा है कि बीजेपी के साथ ही रहे।

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