लखनऊ। कानपुर से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। यहाँ एक दुल्हन के साथ पांच दबंगों ने उस वक़्त बलात्कार किया जब उसकी बारात दरवाज़े पर खड़ी थी। पूरे क्रिया-कलाप के बाद दुल्हन की मां ने लोक-लाज के डर से दुल्हन का मुंह बंद करवा दिया और उसकी शादी करवा दी। शादी के बाद जब दुल्हन के ससुराल वालों को इस बात की भनक लगी तो उन्होंने दुल्हन को घर से निकल दिया।
घटना 12 मई की है। जब पीड़िता की बारात दरवाज़े पर पहुँच गई थी उस वक़्त तक वह 5 वहशी दरिन्दों के चंगुल में 8 घंटे तक फंसी मदद की गुहार लगाती रही। इस घटना के बाद इज्जत का वास्ता देकर माता-पिता ने उसे चुप रहने को कहा और उसके फेरे करवा दिए। अगले ही दिन ससुरालवालों ने उसके जिस्म पर घाव देखकर मामला पूछा और उसे घर से निकाल दिया। पीड़िता की जिन्दगी तार-तार हो चुकी थी। वो रेप की शिकायत दर्ज कराने रसूलाबाद पुलिस थाने पहुंची लेकिन पुलिस ने उसे आपसी और पुरानी रंजिश के तहत गढ़ी गई एक कहानी का तर्क देकर एफआईआर दर्ज करने की बजाय उसे लताड़ दिया। पुलिस ने इस बात की जरूरत भी नहीं समझी कि पीड़ित युवती का मेडिकल परीक्षण करवा लिया जाए। हालातों से हार कर अल्पना ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग की शरण ली।
आयोग ने अल्पना की शिकायत को गम्भीरता से लिया और कानपुर जोन के अपर पुलिस महानिदेशक को लिखित निर्देश दिए कि पीड़िता का मेडिकल परीक्षण कराया जाए, सीआरपीसी की दफा 164 के तहत कलमबन्द बयान दर्ज किए जाएं और एएसपी स्तर के अधिकारी से जांच कराकर अभियुक्तों के विरूद्ध कार्यवाही की जाए। आयोग से मिली लताड़ के बाद कानपुर देहात जिले की पुलिस ने युवती के साथ उसके विवाह के दिन गैंगरेप का मुकदमा दर्ज कर लिया है।