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रोड पर किसी को भी पकड़कर पीट देता है ये लड़का, ताकत में इसके आगे खली भी कुछ नहीं

नई दिल्ली। आपने टीवी पर पर ‘द ग्रेट खली’ की फाइट्स तो जरूर देखी होंगी। कैसे द ग्रेट खली उर्फ़ दिलीप सिंह राणा अपने एक पंच से अंडरटेकर, ट्रिपल एच और बटिस्टा जैसे पहलवानों को चित्त कर देते हैं। अगर आपको लगता है कि खली जैसा अब कोई दूसरा पहलवान भारत में और कोई नहीं है तो आप गलत हैं।

भारत में खली से भी जाबड़ पहलवान तैयार हो गया है। ये भी खली की तरह ही खतरनाक है, जिसके रिंग में उतरते ही मैच का रुख पलट जाता है। नाम है शैंकी सिंह। ग्रेट खली की रेसलिंग अकैडमी CWE (कॉन्टिनेंटल रेसलिंग एंटरटेनमेंट) में इस जूनियर खली को ट्रेन किया जा रहा है। खली ने ये अकैडमी 2015 में जालंधर में खोली थी। शैंकी अब तक कई देसी और विदेशी रेसलर को रिंग में पटक चुके हैं।

शैंकी बताते है कि डब्ल्यूडब्ल्यूई की तैयारी के लिए वजन से ज्यादा डबल प्रोटीन लेना पड़ता है। एक अंडे में चार ग्राम प्रोटीन व 100 ग्राम चिकन में 25 ग्राम प्रोटीन मिलता है। सात फीट के शैंकी में 130 किलोग्राम वजन है। उस हिसाब से हर रोज 260 ग्राम प्रोटीन चाहिए।

प्रोटीन के लिए एक दिन में 40 से ज्यादा अंडे व एक किलो चिकन व चावल, रोटी की आवश्यकता हैं। वह फिलहाल डेढ़ दर्जन अंडे, दलिया, दो लीटर दूध नाश्ते में लेता है। दोपहर में फुल चिकन, दाल, एक बड़ी प्लेट चावल, रोटी और शाम के वक्त फिर एक दर्जन अंडे, रात को चिकन, चावल, दाल रोटी खाता है। 50 हजार रुपए उनके खाने में हर महीने खर्च हो जाते हैं। शैंकी का कहना है कि यदि उसको पूरी डाइट मिल जाती तो वह एक साल पहले की अमेरिका में लड़ने के लिए चला जाता।

शैंकी का कहना है कि अमेरिका में पहुंचकर डब्ल्यूडब्ल्यूई चैंपियन अमेरिका के ब्रॉक लेसनर को हराकर देश का नाम रोशन करना है। शैंकी के पिता सरदार नरेंद्र सिंह प्राइवेट नौकरी करते हैं। मां नरेंद्र कौर हाउस वाइफ है।

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH