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वर्ल्ड बैंक ने दी चेतावनी, ‘अभी नहीं संभले तो 2050 तक 60 करोड़ भारतीयों का जीवन खतरे में

आज हम बात कर रहे हैं जलवायु परिवर्तन पर जिसका खतरा दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। अगर ऐसा ही रहा तो 2050 तक यह देश की आधी आबादी के जीवन स्तर को प्रभावित करेगा। इससे 60 करोड़ लोगों का जीवन स्तर खतरे में होगा। साथ ही अनियंत्रित जलवायु परिवर्तन भारत की जीडीपी को भी 2.8% तक कम कर देगा।

खबरों के मुताबिक,  देशभर में कुल एक हजार से ज्यादा हॉटस्पॉट हैं, जहां जलवायु परिवर्तन का खतरा सबसे ज्यादा है। इनमें उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश शामिल हैं। महाराष्ट्र के विदर्भ के सात जिले ऐसे हैं जहां जलवायु परिवर्तन का खतरा सर्वाधिक है, जबकि छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के तीन जिले सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्र में आते हैं।

वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2050 तक तापमान में 1.5 डिग्री से लेकर तीन डिग्री तक की वृद्धि हो सकती है। हालांकि इसे एक डिग्री तक कम भी किया जा सकता है, लेकिन उसके लिए भारत को जलवायु परिवर्तन के खतरों से निपटने के लिए पेरिस और अन्य समझौतों के प्रावधानों को लागू करना होगा।

जलवायु परिवर्तन का सबसे ज्यादा प्रभाव खेती, उत्पादकता और स्वास्थ्य पर पड़ेगा। ऐसे में लोगों के जीवन स्तर और उनके रहन-सहन के स्तर में भी भारी कमी आएगी। 2050 तक पूरे देश में 2.8 फीसदी की कमी आएगी।

 

 

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