Regionalलखनऊ

पदोन्नति में आरक्षण समर्थक नहीं मनाएंगे दशहरा

phpThumb_generated_thumbnail (1)लखनऊ। चुनाव की सरगर्मियां तेज होने के बीच एक बार फिर पदोन्नति में आरक्षण का मामला गरमा गया है। अपने हक के लिए यूपी के आठ लाख आरक्षण समर्थकों ने इस साल दशहरा नहीं मनाने का फैसला लिया है। उनका कहना है कि पदोन्नति बिल लोकसभा से पास नहीं होने और च्बीबीएयूज् के दलित छात्रों का निष्कासन अभी तक रद्दे नहीं किये जाने के कारण यह फैसला लेने को मजबूर होना पड़ा है।
आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक अवधेश वर्मा ने कहा, च्समूचे प्रदेश में आठ लाख आरक्षण समर्थक कार्मिक व लाखों छात्र दशहरा नहीं मनायेंगे। इसके साथ ही मंगलवार को विजय दशमी पर प्रधानमंत्री के लखनऊ आगमन पर विरोधस्वरूप पूरे दिन का उपवास रखकर प्रण लेंगे कि उप्र में भाजपा को मजबूत नहीं होने देना है। उसका हश्र बिहार विधानसभा चुनाव से भी बदतर करना है।
वर्मा ने आरोप लगाते हुए कहा, च्केन्द्र की मोदी सरकार पदोन्नति में आरक्षण संवैधानिक संशोधन ११७वां बिल लोकसभा में लंबित रखकर पूरे देश में दलित कार्मिकों का उत्पीडऩ करा रही है। जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।ज् उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री पूर्व में बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय (बीबीएयू) के दीक्षान्त समारोह में लखनऊ आये थे। इस दौरान रोहित वेमुला की घटना को लेकर कुछ छात्रों ने विरोध जताया था। तभी से बीबीएयू कैम्पस में कुलपति व आरक्षण विरोधी कुछ प्रोफेसरों ने दलित छात्रों का उत्पीडऩ शुरू कर दिया। उसी का नतीजा है कि गलत तरीके से निष्कासित ८ दलित छात्र अभी भी न्याय के लिए दर-दर भटक रहे हैं। इस दौरान अनिल कुमार, अजय कुमार, श्याम लाल, अन्जनी कुमार, रीना रजक, बनी सिंह, सहित बीबीएयू से निकाले गए छात्र भी उपस्थित थे।

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Raj Bisht
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