नई दिल्ली। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने छह संस्थानों को इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस का दर्जा दिया है। इसमें आईआईटी दिल्ली, आईआईटी बंबई, आईआईएससी बेंगलोर, मनिपाल एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन, बिट्स पिलानी और जियो इंस्टीट्यूट शामिल हैं। वहीँ, जियो इंस्टीट्यूट इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस का दर्जा देने पर बवाल खड़ा हो गया है। कहा जा रहा है कि जब जियो इंस्टीट्यूट बना ही नहीं है तो उसे इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस का दर्जा कैसे दिया जा सक्यता है।
पूर्व भाजपा नेता यशवंत सिन्हा ने केंद्र की मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि क्या क्या अंबानी भगवान हैं? यशवंत सिन्हा ने एक ट्वीट में कहा कि ‘जियो इंस्टीट्यू की अभी स्थापना नहीं हुई है। उसका अस्तित्व नहीं है। फिर भी सरकार ने उसे एमिनेंट टैग दे दिया। ये मुकेश अंबानी होने का महत्व है।’ इसके बाद उन्होंने अगले ट्वीट में लिखा, ‘क्या वो भगवान हैं?’
हालांकि सरकार ने अपनी सफाई में कहा है कि जियो इंस्टीट्यूट को एक खास श्रेणी में ये दर्जा देने का प्रस्ताव है और ये दर्जा अंतिम रूप से संस्थान के चालू होने के बाद ही मिलेगा। उच्च शिक्षा सचिव आर सुब्रमण्यम ने कहा कि ये दर्जे तीन श्रेणियों में दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि ‘पहली श्रेणी सरकारी संस्थानों की है जिसमें आईआईटी को शामिल किया गया, दूसरी श्रेणी निजी संस्थानों की है, जिसमें बिट्स पिलानी और मणिपाल जैसे संस्थान हैं।
जियो इंस्टीट्यूट को शामिल करने का कारण बताते हुए उन्होंने आगे बताया, ‘तीसरी श्रेणी ऐसे ग्रीनफील्ड प्राइवेट इंस्टीट्यूट की है, जो अभी चालू नहीं हुए हैं, लेकिन जहां सुस्पष्ट रूप से जिम्मेदार निजी निवेश के जरिए वैश्विक स्तर का संस्थान बनाने की इच्छा हो। उनका स्वागत करना चाहिए।’