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तीन तलाक को समान नागरिक संहिता से न जोडें : वेंकैया

एम.वेंकैया नायडू, तीन तलाक, समान नागरिक संहिता, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्डM Venkaiah Naidu
एम.वेंकैया नायडू, तीन तलाक, समान नागरिक संहिता, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड
M Venkaiah Naidu

नई दिल्ली| केंद्रीय मंत्री एम.वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को कहा कि तीन तलाक को समाप्त करने के मुद्दे को समान नागरिक संहिता से नहीं जोड़ा जाना चाहिए और न ही इसका राजनीतिकरण किया जाना चाहिए। वेंकैया ने कहा, “लोग तीन तलाक को समान नागरिक संहिता से जोड़कर भ्रमित कर रहे हैं। इस मुद्दे पर चर्चा करने में कुछ गलत नहीं है और लोगों पर कुछ भी थोपा नहीं जाएगा।”

समान नागरिक संहिता के खिलाफ ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के संवाददाता सम्मेलन के एक दिन बाद नायडू ने कहा कि समान कानून आम सहमति पर आधारित होंगे और इन पर चर्चा की जानी चाहिए। वेंकैया ने कहा, “सीमा पर हालात के बारे में बात कर उसमें प्रधानमंत्री मोदी को घसीटा जा रहा है। यदि आप इतना ही इच्छुक हैं तो आप किसी राजनीतिक पार्टी में शामिल हो सकते हैं। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और धार्मिक नेताओं से इसकी उम्मीद नहीं की जाती।”

उन्होंने कहा कि यह मुद्दा महिलाओं को समान अधिकार दिए जाने और यह सुनिश्चित करने का है कि कोई भी फैसला जल्दबाजी में नहीं लिया जाएगा। नायडू ने धार्मिक नेताओं को सलाह देते हुए कहा कि सरकार इस मुद्दे पर देश में चर्चा चाहती है।

उन्होंने कहा, “हम इस मुद्दे पर बहस और चर्चा का स्वागत करते हैं। जो भी इस मुद्दे पर कहना चाहता है उसका इस बहस में स्वागत है। वह अपने विचार सबके सामने रख सकता है। हमें एक सार्थक बहस की उम्मीद है और इसके लिए सभी समुदायों को जरूर आगे आना चाहिए।”

नायडू ने कहा कि देश का मूड तीन तलाक की प्रणाली को समाप्त करने का है। उन्होंने कहा कि चाहे कोई भी धर्म या जाति हो, महिलाओं के साथ भेदभाव गलत है। यह मुद्दा महिलाओं को समान अधिकार दिए जाने का है। उन्होंने आश्वस्त किया कि जल्दबाजी में कोई फैसला नहीं लिया जाएगा।

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