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समान नागरिक संहिता पर सभी को भरोसे में लें : कांग्रेस

congress_party_horoscopeनई दिल्ली| देश में समान नागरिक संहिता लागू करने की कोशिश का विरोध करते हुए कांग्रेस ने शुक्रवार को कहा कि जब तक सभी हितधारकों को भरोसे में नहीं ले लिया जाता, तब तक इस संहिता को प्रभाव में नहीं लाया जा सकता। कांग्रेस ने कहा कि तीन तलाक का मुद्दा न्यायाधीन है और पार्टी को इस मुद्दे को लेकर सर्वोच्च न्यायालय पर पूरा भरोसा है। कांग्रेस प्रवक्ता शोभा ओझा ने कहा, “सर्वोच्च न्यायालय ने महिला अधिकारों की हमेशा रक्षा की है। इसलिए हम इसके निर्णय का इंतजार करेंगे। हम कहना चाहेंगे कि सर्वोच्च न्यायालय पर हमें पूरा भरोसा है।” ,

यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस का समान नागरिक संहिता और तीन तलाक पर स्पष्ट रुख है? ओझा ने कहा, “कांग्रेस हमेशा समाज के सभी वर्गो को साथ लेकर चली है। हमें अनेकता में एकता पर भरोसा है।” ओझा ने संविधान निर्माता बी.आर. अंबेडकर का उद्धरण देते हुए कहा, “यहां समान नागरिक संहिता हो, जो सभी धर्मो को अच्छे से समाहित करे, लेकिन इसे किसी पर थोपा नहीं जा सकता।” ओझा ने कहा, “नागरिकों को इसे एक आदर्श के रूप में स्वेच्छा से अपनाने दें, जिसकी व्याख्या संविधान के अनुच्छेद 44 में की गई है। सभी हितधारकों को भरोसे में लिए बगैर इसे थोपा नहीं जा सकता। यदि यह समाज के सभी वर्गो को स्वीकार्य है, तो इसे अपनाया जा सकता है।”

ओझा ने कहा, “यदि ऐसा नहीं होता है तो यह अनुचित है। कांग्रेस की सोच वही है, जो अंबेडकर की थी।” ऑल इंडिया पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) और कई अन्य प्रमुख मुस्लिम संगठनों ने समान नागरिक संहिता पर विधि आयोग की प्रश्नावली को गुरुवार को खारिज कर दिया और इसे भ्रामक करार दिया। एआईएमपीएलबी के महासचिव मौलाना वली रहमानी ने कहा कि देश के मुसलमान इस पर कोई जवाब नहीं देंगे।

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Dileep Kumar
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