नई दिल्ली। विपक्षी दलों ने सोमवार को इस बात का संकेत दिया कि वे संसद के मानसून सत्र के दौरान राज्यसभा उपाध्यक्ष के चुनाव का मुद्दा उठाएंगे। दूसरी ओर इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि सरकार बुधवार से शुरू हो रहे मानसून सत्र के दौरान राज्यसभा उपाध्यक्ष पद के लिए चुनाव नहीं करवा सकती है।
सूत्रों ने बताया कि समान विचार रखने वालें विपक्षी दलों की यहां हुई बैठक में मानसून सत्र की रणनीति पर विचार-विमर्श किया गया। बैठक में शामिल दलों ने पी. जे. कुरियन के इसी महीने सेवानिवृत्त होने के बाद रिक्त राज्यसभा के नए उपाध्यक्ष के चुनाव के मसले पर भी बातचीत हुई।
सूत्रों के अनुसार, विपक्षी दल सरकार पर चुनाव की प्रक्रिया शुरू करने के लिए दबाव डालेंगे। उन्होंने बताया कि विपक्षी दलों का मानना है कि रिक्त हुए पद के लिए चुनाव यथाशीघ्र होना चाहिए। वे इस बात के लिए राजी नहीं थे कि पूर्व के दृष्टांतों का हवाला देकर चुनाव को स्थगित कर देना चाहिए।
सूत्रों ने बताया कि समान विचार वाले विपक्षी दलों का इस मामले में सामूहिक दृष्टिकोण रहेगा। हालांकि विपक्ष के संभावित साझा उम्मीदवार के नाम पर बैठक में कोई चर्चा नहीं हुई।
तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुखेंदु शेखर रॉय ने बाद में कहा कि पार्टी राज्यसभा उपाध्यक्ष पद की दौड़ में शामिल नहीं है। संकेत मिल रहे हैं सरकार मानसून सत्र के दौरान चुनाव नहीं करवा सकती है। हालांकि सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी ने अब तक इस मसले पर अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है।
संविधान में राज्यसभा उपाध्यक्ष पद के चुनाव के लिए कोई विशेष समय सीमा का जिक्र नहीं है। पूर्व के उदाहरणों पर गौर करें तो राज्यसभा के उपाध्यक्ष के सेवानिवृत्त होने के बाद कुछ महीने के भीतर नये उपाध्यक्ष का चुनाव होने की परंपरा रही है।