मायावती ने मंगलवार को जारी बयान में कहा कि पाकिस्तान के नियंत्रण वाले कश्मीर में भीतर जाकर आतंकियों के खिलाफ अपनी जान हथेली पर रखकर सफल सर्जिकल स्ट्राइक करने के लिए सेना की प्रशंसा जरूरी है, परन्तु रक्षा मंत्री परिकर तथा खुद प्रधानमंत्री द्वारा इसका श्रेय लेकर राजनीतिक लाभ उठाने का प्रयास करना गलत है।
सेना की इस कार्रवाई का उत्तर प्रदेश व कुछ अन्य राज्यों में शीघ्र होने वाले विधानसभा चुनाव में घोषित तौर पर भाजपा द्वारा इसका चुनावी लाभ उठाने का प्रयास भी बेहद निंदनीय है।
मायावती ने कहा कि रक्षा मंत्री द्वारा इस सर्जिकल स्ट्राइक का श्रेय आर.एस.एस. जैसे संगठन को देना किसी भी दृष्टि से उचित नहीं है। वैसे भी संघ एक सर्वमान्य संस्था नहीं है, क्योंकि इसका एजेंडा घृणा व नफरत पर आधारित विभाजन है। इतना ही नहीं, खुद को सांस्कृतिक संस्था घोषित करने वाले आरएसएस के लोग हमेशा राजनीतिक उद्देश्य से ही काम करते हैं और चुनावों में भी अपनी खास मानसिकता के तहत एक पार्टी विशेष के लिये काम करने का प्रयास करते हैं और अब तो इनके लोग खुले तौर पर बीजेपी व उसकी सरकार में शामिल हैं। मायावती ने कहा कि वास्तव में भाजपा यूपी में अपनी दयनीय स्थिति को लेकर काफी परेशान है, जिस कारण ही अब देशभक्ति आदि के अविवादित विषय की आड़ में राजनीति करने की कोशिश कर रही है। इसी क्रम में भाजपा द्वारा दूसरी पार्टियों में तोड़-फोड़ करके उन्हें अपनी पार्टी में शामिल करने से भी यह साबित हो गया है कि यूपी में भाजपा कितनी ज्यादा हताश है।