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अधिकारियों ने ने माना पहले भी हुई थी सैन्य कार्रवाई

सर्जिकल कार्रवाई जैसी सैन्य कार्रवाई, स्थायी समिति की बैठक, राहुल गांधी, उप सेना प्रमुख बिपिन रावतForeign Secretary S Jaishankar
सर्जिकल कार्रवाई जैसी सैन्य कार्रवाई, स्थायी समिति की बैठक, राहुल गांधी, उप सेना प्रमुख बिपिन रावत
Foreign Secretary S Jaishankar

नई दिल्ली| विदेश मंत्रालय से संबंधित संसद की स्थायी समिति के समक्ष मंगलवार को अधिकारियों ने कहा कि सर्जिकल कार्रवाई जैसी सैन्य कार्रवाई पहले भी हुई थी, लेकिन उसे कभी भी सार्वजनिक नहीं किया गया था। जानकार सूत्रों ने यह जानकारी दी है।

यह मामला स्थायी समिति की बैठक में सामने आया, जिसमें कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी उपस्थित थे। बैठक में वरिष्ठ अधिकारियों ने समिति के सदस्यों को खासतौर से 29 सितंबर को सीमापार हुई सर्जिकल कार्रवाई के संदर्भ में भारत-पाकिस्तान संबंधों पर जानकारी दी।

वाइस चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ, लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन रावत, विदेश सचिव एस. जयशंकर, रक्षा सचिव जी. मोहन कुमार और सीमा सुरक्षा बल के महानिदेशक के.के. शर्मा ने नियंत्रण रेखा के पार स्थित आतंकवादी लांच पैड पर भारतीय सेना द्वारा की गई सर्जिक कार्रवाई के बारे में समिति के सदस्यों को जानकारी दी।

जानकार सूत्रों ने कहा कि समिति के सदस्य राहुल गांधी बैठक में उपस्थित थे, लेकिन उन्होंने कोई सवाल नहीं पूछा। वरिष्ठ अधिकारियों ने समिति के सदस्यों द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब दिया। सूत्रों के अनुसार, उप सेना प्रमुख बिपिन रावत ने कहा, “इस तरह के हमले अतीत में भी हुए हैं। हम वहां अपनी योजना के मुताबिक गए, लक्ष्य को निशाना बनाया और वापस लौट आए, लेकिन इन्हें कभी सार्वजनिक नहीं किया गया।”

जानकार सूत्रों ने कहा कि रावत ने एक सदस्य के उस सवाल पर यह जवाब दिया, जिसमें पूछा गया था कि क्या इस तरह की सर्जिकल कार्रवाई अतीत में भी हुई थी।

वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों का यह दावा रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर की टिप्पणियों से ठीक विपरीत है, जिसमें उन्होंने कहा था कि 29 सितंबर जैसी सर्जिकल कार्रवाई इसके पहले कभी नहीं हुई थी। विपक्षी कांग्रेस लगातार कहती रही कि सर्जिकल कार्रवाई संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन संप्रग के शासन में तीन बार की गई थी।

पर्रिकर ने पिछले सप्ताह मुंबई में एक कार्यक्रम में कांग्रेस के दावों को खारिज कर दिया था, और 29 सितंबर की सर्जिकल कार्रवाई का श्रेय सभी भारतीयों और खासतौर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिया था। कांग्रेस सांसद कर्ण सिंह ने बैठक से निकलने के बाद में संवाददाताओं से कहा कि बैठक अच्छी थी। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी राकांपा के सांसद डी.पी. त्रिपाठी ने कहा, “कुल मिलाकर बैठक संतोषजनक थी।”

सूत्रों ने यह भी कहा कि एक घंटे की बैठक के दौरान विदेश सचिव ने एक बार भी सर्जिकल कार्रवाई जैसे शब्द का इस्तेमाल नहीं किया, और इसके बदले उन्होंने आतंकवादियों पर पेशेवर तरीके से लक्षित जवाबी हमला जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया। बैठक में सदस्यों के समक्ष कोई वीडियो सबूत के तौर पर पेश नहीं किया गया और न तो किसी सदस्य ने इस तरह के सबूत मांगे।

एक सदस्य के सवाल के जवाब में विदेश सचिव ने कहा कि पाकिस्तान के साथ बातचीत हो रही है, लेकिन विदेश सचिव स्तर पर नहीं। उन्होंने सदस्यों को यह भी बताया कि पाकिस्तानी कलाकारों को प्रतिबंधित करने के संबंध में सरकार की कोई ऐसी नीति नहीं है। इस स्थायी समिति में कुल 31 सदस्य हैं, जिसमें से 21 लोकसभा से और 10 राज्यसभा से हैं।

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