नई दिल्ली, 24 जुलाई (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राहुल गांधी के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गले मिलने पर तंज कसा है। योगी ने एक निजी समाचार चैनल से बातचीत में कहा कि राहुल गांधी उनसे गले मिलने से पहले 10 बार सोचेंगे। योगी से जब पूछा गया कि अगर राहुल गांधी उनसे गले मिलना चाहेंगे, तो क्या वह उनसे गले मिलेंगे? उन्होंने इसे राजनीतिक स्टंट करार देते हुए कहा कि वह इस तरह से स्टंट स्वीकार नहीं करते।
उन्होंने कहा, राहुल मुझसे गले मिलने से पहले 10 बार सोचेंगे। लेकिन राहुल क्यों 10 बार सोचेंगे, इस बारे में उन्होंने कुछ नहीं कहा।
योगी ने न्यूज18 इंडिया से खास बातचीत में कहा, राहुल गांधी बचकानी हरकतें करते हैं। उनके पास अपनी बुद्धि और विवेक नहीं है। जब कोई दूसरे के विवेक और बुद्धि से काम करता है तो किसी भी प्रकार की हरकत कर सकता है।
राहुल को विपक्षी गठबंधन की तरफ से प्रधानमंत्री उम्मीदवार बनाए जाने को लेकर योगी ने उलटा सवाल किया, क्या मायावती और अखिलेश राहुल गांधी को उम्मीदवार मानेंगे। क्या शरद पवार राहुल गांधी के कमान के अंडर काम करेंगे। विपक्षी गठजोड़ का नेता कौन है?
देश में बढ़ती मॉब लिन्चिंग की घटनाओं पर भाजपा नेता ने कहा, भीड़ की हिंसा को तूल दिया जा रहा है। किसी भी हाल में गौ-तस्करी की इजाजत नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि उनके राज में नागरिकों और गाय दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी।
उन्होंने कहा, गौरक्षा के नाम पर हत्या और अराजकता की छूट किसी को नहीं है और न आगे होगी। इसको कतई स्वीकार नहीं किया जा सकता। नागरिक की सुरक्षा होगी, तभी गाय की रक्षा भी होगी और गौरक्षा का सम्मान भी होगा।
योगी ने कहा, पूर्ववर्ती सपा और बसपा की सरकारों में उप्र की छवि खराब की है। सपा और बसपा की सरकारों ने प्रदेश में जो गुंडाराज फैलाया था, उससे लोग परेशान थे। निवेशक नहीं आ रहे थे। अब प्रदेश से गुंडाराज का खात्मा किया गया। निवेशकों का डर दूर हुआ है, जिसकी वजह से आज सूबे में निवेश आना शुरू हो गया है।
योगी ने आगे कहा, निवेश के लिए सबसे बड़ी शर्त है सुरक्षा और लाल फीताशाही से मुक्ति। हमारी सरकार ने अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर निवेशकों का डर दूर किया और लाल फीताशाही पर अंकुश लगाया गया, ताकि निवेशकों का काम आसानी से हो जाए। 29 जुलाई उप्र का वह दिन होगा, जब 60 हजार करोड़ रुपये का निवेश हकीकत में धरातल पर दिखेगा।
अखिलेश यादव का कहना है कि सैमसंग का निवेश उनकी सरकार की देन है। इस पर आदित्यनाथ ने कहा, अखिलेश जी बहुत कुछ कहते हैं। इन लोगों के कारनामों को पूरा देश जानता है। क्यों रिलायंस को चपत खानी पड़ी थी? क्यों टाटा जाने को तैयार था?
उन्होंने कहा, उप्र में सभी कंपनियों के साथ एक जैसी दिक्कत थी। सारी बड़ी कंपनियों को एक ही परेशानी थी। सैमसंग अपना बिजनेस समेट रहा था। मुझे पता चला तो मैंने उनसे बात की। उन्होंने कहा कि हमसे जिस तरह की डिमांड की जाती है, उसमें हम काम नहीं कर सकते, फिर हमने काम किया। मई 2017 को एमओयू होता है, जून 2018 में उनके संयंत्र का उद्घाटन होता है। अब बताइए इस इस किसकी सरकार थी।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा, एलजी कंपनी के साथ भी यही कहानी थी। गुंडे भेजे जाते थे, मुझे पता चला तो 24 घंटे में कार्रवाई हुई। जो गुंडे भेजे जाते थे सपा के लोगों के साथ उनके संबंध थे। हमारी कार्रवाई पर एलजी ने मुझे आकर धन्यवाद किया।
योगी ने कानून-व्यवस्था के सवाल पर कहा कि उनकी सरकार में आम जनता का भरोसा बहाल हुआ है, और उप्र की बदनाम छवि ठीक हुई है। अब दुनिया का हर निवेशक उप्र में निवेश करना चाहता है, जो गुंडाराज सपा, बसपा ने फैलाया था, उससे सब तंग थे, और अब हमारी सरकार में सब दुरुस्त हो रहा है।
गाजियाबाद और नोयडा में इमारतें ढहने की घटनाओं पर योगी ने कहा, ये इमारतें कोई एक दिन में नहीं बनी हैं। पिछली सरकारों ने मनमानी करके ये समस्याएं पैदा की हैं। लोगों ने अपनी जीवनभर की कमाई दे दी, लेकिन पिछली सरकारों के कारण सब बरबाद हो गया। राज्य में जितने बेईमान और भ्रष्ट लोग थे, उन्होंने पिछली सरकारों के साथ मिलकर ये पाप किया है और इसी पाप का घड़ा भर रहा है। हमने सख्ती की है। सरकार की तरफ से अवैध इमारतों को गिराने का नोटिस भेजा गया है।